नई दिल्ली। आर्थिक हालात लगातार खराब होने के चलते देश के 9 सरकारी बैंक अपनी कई बड़ी ब्रांच बंद करने जा रहे हैं। ये बैंक अपनी सब्सिडी वाली कंपनी में अपना शेयर भी बेचेंगे। इन बैंकों ने सुधार योजना की रिपोर्ट तैयार कर वित्तीय सेवा विभाग के हवाले कर दी है।
सार्वजनिक क्षेत्र के कुल 11 बैंक हैं। इसमें से 9 बैंक रिजर्व बैंक की त्वरित सुधार कारवाई (पीसीए) के दायरे में आए हैं। इन बैंकों ने अपनी दो साल की अवधि वाली सुधार योजना सरकार को दी है। इस योजना के मुताबिक बैंक सब्सिडियरी में अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे और जोखिम वाले कर्ज में कमी लाएंगे।
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त्वरित सुधार कार्रवाई (पीसीए) वाले 11 बैंकों में देना बैंक, इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं। इनमें से 9 ने तैयारी कर ली है।
इन बैंकों ने जो सुधार योजना दी है, उसके मुताबिक लागत में कटौती के साथ बैंक की शाखाओं का आकार कम करने और फॉरेन ब्रांच को बंद करने जैसे उपाय हैं। इसके अलावा कॉर्पोरेट ॠण कम करने और रिस्क वाले एसेट्स की अन्य ॠणदाताओं को बेचने जैसे भी उपाय इस सुधार योजना में है।
वेब डेस्क, IBC24
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