बस्तर की शिल्पकला अब देश ही नहीं विदेशों में भी ऑनलाइन ऑर्डर से लोगों तक पहुंच सकेगी। इसके लिए एमेजॉन और फ्लिपकॉर्ट की तरह मेमोज नाम की एक नई एप्लीकेशन तैयार की गई है।
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दंतेवाडा में केंद्र सरकार की नीति आयोग, छत्तीसगढ़ शासन और ग्लोबल बिजनेस इंक्यूबेटर की ओर से आयोजित वैश्विक आदिवासी उद्यमिता सम्मेलन में झारखंड से आए फिल्म निर्माता अनिल शरण ने ये बातें कहीं।
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उन्होंने देश विदेश में बस्तर की छवि को गलत ढंग से पेश करने का आरोप मीडिया पर लगाते हुए कहा कि यहां की शिल्पकला को पहचान दिलाने की जरूरत है और इस ओर काम नहीं हुआ।
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वहीं असम से आए तेनसिंह बोडोसा ने कहा कि भारत के आदिवासियों को एकजुट होकर अपने उत्पादों को देश-विदेश में पहचान दिलाने की जरूरत है।
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जावंगा स्थित अटल बिहारी वाजपेयी एजुकेशन हब के आडिटोरियम में हुए समिट में देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी नामी हस्तियों ने शिरकत की और अपने अनुभव साझा किए। समिट का उद्घाटन सांसद दिनेश कश्यप ने किया। इस मौके पर उन्होंने बस्तर के बदलने की बात कही।
वेब डेस्क, IBC24
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