भोपाल: यूं तो देश में चुनावों का मौसम कभी जाता नहीं है, लेकिन इस साल देश के पांच राज्यों में चुनावी तारीखों के ऐलान के साथ ही एक बार फिर चुनावी सरगर्मियां चरम पर है। खास बात ये है कि इन चुनावों में मध्यप्रदेश के मंत्रियों और नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। साफ है कि इस जिम्मेदारी को पूरा कर नेताओँ का कद बढ़ता है। इस बार भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, कैलाश विजयवर्गीय समेत तमाम दिग्गज पं बंगाल के पार्टी के लिए पसीना बहाते नजर आ रहे हैं।
मिशन बंगाल पर लगी बीजेपी की ये वो टीम है जो मध्यप्रदेश से ताल्लुक रखती है। मध्यप्रदेश उन राज्यों में से एक है जहां के सबसे ज्यादा नेताओं को पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने जिम्मेदारी दी है। कैलाश विजयवर्गीय यदि पिछले 6 साल से पूरे बंगाल में बीजेपी के नेटवर्क को तैयार करने में जुटे हैं तो बाकी नेताओं को विधानसभावार जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब मुख्यमंत्री खुद वहां परिवर्तन रैली में शामिल होने जा रहे हैं। बीजेपी नेताओं को मिली ये जिम्मेदारी बताती है कि केंद्र में उनका कितना दखल है।
दूसरी तरफ कांग्रेस के नेताओं में सिर्फ कमलनाथ ही है जिनका दूसरे राज्यों की राजनीति में हस्तक्षेप है फिर चाहे गठबंधन के साथियों को साधना हो या रणनीति तैयार करना, आलाकमान ने कमलनाथ को कई अहम जिम्मेदारियां दे रखी है। मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल के न होने से कमलनाथ पर संगठन को चलाने की अहम जिम्मेदारी है। कमलनाथ के नेतृत्व में ही मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन के साथ साथ महंगाई को लेकर माहौल बनाया गया है।
अगले कुछ महीनों में पांच राज्यों में चुनाव होना है। इसके अलावा प्रदेश में नगरीय निकाय के चुनाव है। विधानसभा की कार्यवाही भी चल ही रही है। जाहिर है पार्टी नेताओं के अगले कुछ दिन काफी व्यस्त रहने वाले हैं।