मधुमक्खी पालन बना सहायता समूहों की महिलाओं के आय का जरिया, हो रही बंपर आमदनी | Beekeeping has become a source of income for women of support groups, getting bumper income

मधुमक्खी पालन बना सहायता समूहों की महिलाओं के आय का जरिया, हो रही बंपर आमदनी

मधुमक्खी पालन बना सहायता समूहों की महिलाओं के आय का जरिया, हो रही बंपर आमदनी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : November 2, 2020/3:16 pm IST

कवर्धा: भोरमदेव आजीविका परिसर राजानवागांव में कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से आजीविका संवर्धन के गतिविधियों के तहत राष्ट्रीय बागबानी मिशन के अंतर्गत मधुमक्खी पालन का कार्य प्रारंभ किया गया। चार महिला स्व सहायता समूह को मधूमक्खी पालन से जोड़ते हुए भोरमदेव आजीविका केन्द्र में नयी गतिविधि से ग्रामीण महिलाओं को सीधे लाभ मिलने लगेगा। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख बी.पी.श्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि मधुमक्खी पालन से महिला समूह को परागण शहद उत्पादन एवं प्रसकरण विषयों पर सैद्धान्तीक एवं प्रायोगिक परिक्षण दिया गया है। जिसमें समूह की महिलाओं को मधुमक्खी पालन के लिए 100 पेटी का वितरण कर योजना कि शुरूआत जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विजय दयाराम के द्वारा की गई। इस दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बोड़ला एवं ग्राम राजानवागांव के ग्रामीण उपस्थित थे।

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सीईओ विजय दयाराम के. ने बताया कि मां दुर्गा स्व सहायता समूह, सांई राम स्व सहायता समूह, कुमकुम भाग्य स्व सहायता समूह एवं राधारानी स्व सहायता समूह को इस योजना से जोड़ा गया है। मधुमक्खी पालन के इस कार्य में सभी समूहों को मिलाकर कुल 40 महिलाएं सीधे तौर पर लाभन्वित होंगी। जिनके द्वारा शहद उत्पादन कर विक्रय करते हुए लाभ अर्जीत किया जाएगा। वर्तमान में समूह को 100 पेटी मधूमक्खी पालन के लिए वितरण किया गया है। जिसमें से प्रति पेटी एक महिने में लगभग पांच किलो शहद का उत्पादन होना अपेक्षित है। जिसे विक्रय करने पर प्रति पेटी पचीस सौ रूपये का आमदनी महिला समूह को सीधे तौर पर होगा। उन्होंने बताया की भोरमदेव आजीविका परिसर राजानवागांव ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं के माध्यम से आर्थिक स्वालंबन के लिए अपनी पहचान बना चुका है। इस केन्द्र में पूर्व से ही अलग-अलग प्रकार की आर्थिक गतिविधियां महिला समूह द्वारा संचालित की जा रही है। जिसमें प्रमुख रूप से सब्जी उत्पादन, पैकेजींग, थैला निर्माण, हर्बल साबुन एवं फिनायल निर्माण, दोना पत्तल निर्माण के साथ अन्य कार्य महिला समूह द्वारा किया जा रहा है।

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शहद का सेवन करने से होते है बहुत से फायदे
वरिष्ठ वैज्ञानिक बी.पी.श्रीपाठी ने शहद का सेवन करने और फायदे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि शहद में ग्लूकोन, विटामिन खनीज तथा अमीनो अम्ल होते है, जिसमें कई पौष्टिक तत्व मिलते है। जो घाव को ठिक करने और उत्तकों के बढ़ने के उपचार में बहुत फायदेमंद होता है। इनमे उच्च किस्म के जीवाणु रोधी क्षमता होती है तथा शहद के सेवन से बढ़ते वजन को संतुलित किया जा सकता है।