गर्मी से पहले "अमृत" के लिए संघर्ष शुरू, सुबह से लेकर शाम तक बूंद -बूंद के लिए भगीरथ प्रयास | Before the heat starts to fight for "nectar" The struggle for water from morning to evening

गर्मी से पहले “अमृत” के लिए संघर्ष शुरू, सुबह से लेकर शाम तक बूंद -बूंद के लिए भगीरथ प्रयास

गर्मी से पहले "अमृत" के लिए संघर्ष शुरू, सुबह से लेकर शाम तक बूंद -बूंद के लिए भगीरथ प्रयास

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : February 19, 2019/9:06 am IST

राजनांदगांव। डोंगरगढ़ विकासखंड के अंतर्गत आने वाला ग्राम पंचायत कातलवाही के ग्रामीणों के लिए गर्मी की शुरुआत से ही अमृत की खोज शुरू हो गई है। दरअसल यहां वाटर लेवल बहुत नीचे है,गर्मी शुरू होते ही यहां के ग्रामीण पलायन शुरु कर देते हैं,जो गांव में ही रहते हैं उनके लिए पानी की एक एक बूंद अमृत प्रतीत होती है। कातलवाही गांव में निस्तारी तो दूर पीने के लिए भी पानी नहीं है।

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ग्रामीण पांच से दस किलोमीटर दूर से पानी ढ़ोते हैं। मवेशियों की हालत तो बेहद खराब है,दूर दूर तक घूम आने पर भी उन्हें पानी नहीं मिल पाता है। पानी की कमी के कारण गांव में विकास के काम रुक गए है,कई निर्माणाधीन भवन भी अधूरे पड़े हैं। खेती-किसानी के काम भी रुक गए हैं। गांव के दो तालाब और सभी कुएं सूख चुके हैं। गांव में 14 हैण्डपंप हैं, लेकिन वाटर लेवल नीचे चले जाने के कारण ऐसी स्थिति बनी है,लगातार दो साल तक अल्प वर्षा की वजह जलस्त्रोतों में पानी नहीं है।

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गांव के निवासी सांसद,विधायक और प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं, बावजूद इसके यहां कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं किए गए हैं। पीएचई विभाग ने बीते वर्षो में यहाँ पर हैंड पंप लगाए थे । लेकिन वाटर लेवल नीचे चले जाने के कारण ये हैंडपंप अब बस गर्म हवा फेंक रहे हैं। डोंगरगढ़ में पदस्थ नए कलेक्टर ने ग्रामीणों को सर्वे कराकर नलजल योजना के तहत पाइप लाइन बिछाकर पानी की व्यवस्था किए जाने का आश्वासन दिया है। हालांकि ग्रामीणों को ये आश्वासन पहले पदस्थ कलेक्टरों से भी मिल चुका है।