नई दिल्ली। जेएनयू में रविवार रात नकाबपोशों के हमले के बाद अफवाहों समेत कई तथ्यों पर बहस जारी है। वहीं दिल्ली पुलिस ने क्राइम ब्रांच को मामले की जांच सौंप दी है। जेएनयू के प्रशासनिक अधिकारियों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की और उन्हें परिसर की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी है। जेएनयू परिसर में रविवार को हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर कई व्हॉट्सएप मैसेज सामने आ रहे हैं।
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दो व्हाट्सएप ग्रुप सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, जिनमें से एक का नाम है ‘फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस’ और दूसरा है ‘Unity Against Left’। दोनों ही ग्रुप के मैसेज इस ओर संकेत कर रहे हैं कि उपद्रवियों के द्वारा मारपीट की घटना को सिलसिलेवार तरीके से अंजाम दिया गया है। इन दोनों ग्रुप में शामिल लोग यह योजना बनाते दिख रहे हैं कि साथियों को विश्वविद्यालय परिसर के अंदर किस रास्ते से लाया जाए।
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ग्रुप के सदस्य मारपीट की योजना बनाते हुए सदस्य खजान सिंह स्विमिंग पूल के पास 25-30 की संख्या में एकत्रित होने की सूचना दे रहे हैं।
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) कैंपस में रविवार शाम छात्र गुटों में जमकर मारपीट हुई। इससे दोनों पक्षों के 26 से अधिक छात्र घायल हो गए, जिनमें से 12 के सिर में गंभीर चोटें आईं हैं। घायलों में छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष सहित महिला शिक्षक भी हैं।
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जेएनयू छात्रसंघ ने मारपीट व तोड़फोड़ का एबीवीपी पर आरोप लगाया है। जबकि, एबीवीपी का कहना है कि यह सब वामपंथियों की करतूत है। बताया जाता है कि नकाब पहने 40 से 50 युवकों की भीड़ कैंपस में पहुंची और हॉस्टल में घुसकर हमला किया। कई वाहनों को तोड़ दिया गया। देर रात तक 23 घायलों को एम्स ट्रामा और 3 को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।