लो ब्लडप्रेशर है तो दिनचर्या में अपनाएं अग्नि शक्ति मुद्रा आसन | Benefits Of Yoga:

लो ब्लडप्रेशर है तो दिनचर्या में अपनाएं अग्नि शक्ति मुद्रा आसन

लो ब्लडप्रेशर है तो दिनचर्या में अपनाएं अग्नि शक्ति मुद्रा आसन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 11:05 AM IST, Published Date : July 6, 2018/1:26 pm IST

ब्लड प्रेशर के कारण सभी अंगों तक रक्त नहीं पहुंच पाता है।इसलिए जरुरी है की आप अंगो को सुचारु रूप से चलाने के लिए अग्नि शक्ति मुद्रा आसन को रोज अपनाये। ज्ञात हो की नार्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होता है।लेकिन आपका ब्लड प्रेशर लेवल अगर 90 से कम पहुंच जाता है तो ये एक गंभीर समस्या है। अगर आपको भी ये समस्या है तो आप लो ब्लड प्रेशर से निजात पाने के लिए आप रोजाना अग्नि शक्ति मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं।

 

 कैसे किया जाता है शक्ति मुद्रा आसन 

हस्त मुद्राए हाथों की 8 अंगुलियों व 2 अंगुठों से विशेष प्रकार की बनाई गई आकृतियों को कहा जाता है। दरअसल हाथों की सारी अंगुलियों में पांचों तत्व मौजूद होते हैं जैसे अंगूठे में अग्नि तत्व, तर्जनी अंगुली में वायु तत्व, मध्यमा अंगुली में आकाश तत्व, अनामिका अंगुली में पृथ्वी तत्व और कनिष्का अंगुली में जल तत्व। हस्त मुद्राओं के कई प्रकार और अलग-अलग लाभ होते हैं।

अग्नि शक्ति मुद्रा करने का समय 

अग्नि शक्ति मुद्रा को करने का सबसे सही समय सूर्योदय से पहले का है।

किसी शांत जगह का चुनाव करें और बैठ जाएं।

इस मुद्रा के लिए सबसे पहले अंगूठे को छोड़कर, दोनों हाथों की उंगलियों से मुट्ठी बना लें।

अब दोनों हाथों के अंगूठों के अग्र भाग को आपस में मिलाएं।

इस दौरान हथेलियों और उंगलियों की दिशा नीचे की ओर रहे।

इस दौरान धीरे-धीरे और लंबी-गहरी सांस लें।

रोज इस मुद्रा का 15 से 45 मिनट तक अभ्यास करें।

मूर्धासन भी है लो ब्लड प्रेशर में लाभदायक 

खड़े होकर दोनों पैरों के बीच लगभग 3 फीट की दूरी बना लें। सांस छोड़ते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुककर हथेलियों को जमीन पर टिका दें।शरीर का संतुलन बनाए रखते हुए सिर के सामने वाले हिस्से को जमीन पर दोनों हाथों के बीच टिका दें। अब दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाएं और कमर के ऊपर रखते हुए एक हाथ से दूसरे हाथ की कलाई को पकड़ लें। इस अवस्था में एड़ियों को उठाएं ताकि शरीर का भार सिर और पंजों पर आ जाए। जब तक सहज हो,सहज सांस लेते हुए इस अवस्था में बने रहें। फिर वापसी के लिए, सांस भरते हुए पहले हाथों को खोलकर जमीन पर टिकाएं। धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं।

यह इस आसन का एक राउंड हुआ। जब इसका अच्छा अभ्यास हो जाए, तो अंतिम पोज की अवधि धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं। प्रत्येक राउंड में लगभग 30 सेकेंड से एक मिनट तक लगता है। प्रत्येक राउंड के बाद कुछ पल शवासन में लेटें। पूरी प्रक्रिया के दौरान ध्यान सांस पर केंद्रित रहे।

मनोज अग्रवाल (योग एक्सपर्ट)

 
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