खुले आसमान की ऊंची उड़ान है 'बेटी', हर मां-बाप का गर्व और सम्मान है 'बेटी'- विकास उपाध्याय | 'Beti' is a high flying sky 'Daughter' is the pride and honor of every parent - Vikas Upadhyay

खुले आसमान की ऊंची उड़ान है ‘बेटी’, हर मां-बाप का गर्व और सम्मान है ‘बेटी’- विकास उपाध्याय

खुले आसमान की ऊंची उड़ान है 'बेटी', हर मां-बाप का गर्व और सम्मान है 'बेटी'- विकास उपाध्याय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:29 PM IST, Published Date : January 24, 2021/12:02 pm IST

असम। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर असम दौरे के दौरान संसदीय सचिव और असम प्रभारी विकास उपाध्याय ने वहां के स्थानीय परिवार की बालिकाओं के बीच जाकर बेटियों को ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस की ढेर सारी बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की । अपने चिर परिचित अंदाज में जब विकास उपाध्याय ने बस्ती के बीच जाकर प्यारी बेटियों को चॉकलेट और मिठाई बांटी तो उनकी चेहरे की ख़ुशी देखते ही बनती थी।

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एकाएक अपने बीच में राष्ट्रीय स्तर के नेता को पाकर स्थानीय लोगों को भी काफी प्रसन्नता हुई। विकास उपाध्याय ने छोटी बच्चियों के साथ समय बिताकर उनके रहने पढ़ने और उनकी दिनचर्या के बारे में भी बात की साथ ही उनके अभिवावकों से यह भी बोला की बेटियों को उनकी उच्च स्तर की शिक्षा दिलाने का काम हर हाल में पूरा हो और ऐसा वचन भी उनके माता पिता से लिया ।

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आज भारत में राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है। हर साल 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत साल 2009 में महिला बाल विकास मंत्रालय ने की थी। 24 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन साल 1966 में इंदिरा गांधी ने भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।

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राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाए जाने का उद्देश्य समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना है। साथ ही उनके साथ होने वाले भेदभाव के प्रति भी लोगों को जागरुक करना है।