नई दिल्ली। अपने अधिकारों और कारोबार की सुरक्षा को लेकर देश में पहली बार सात करोड़ व्यापारी मतदाता शुक्रवार को भारत व्यापार बंद में शामिल हो रहे है। वे एक दिन के भारत बंद के दौरान विरोध स्वरूप कारोबार नही कर रहे हैं। भारत व्यापार बंद का आह्वान कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वालमार्ट, फ्लिपकार्ट डील और रिटेल में विदेशी निवेश के खिलाफ किया है।
व्यापारियों का कहना है कि वॉलमार्ट और अमेजन जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों को पिछले दरवाजे से प्रवेश देकर सरकार छोटे व्यापारियों को खत्म करना चाहती है। कैट के मुताबिक खुदरा क्षेत्र में एफडीआई से व्यापारियों और दुकानदारों की आजीविका खतरे में है। अभी जो नियम हैं, वे वॉलमार्ट को भारत में काम करने की इजाजत नहीं देते, लेकिन फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी खरीदने के बाद ये कंपनी पिछले दरवाजे से बाजार में उतरने की तैयारी में है।
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कैट ने वॉलमार्ट करार के विरोध में भारत बाजार बंद का आह्वान किया है, जबकि दवा दुकानदार दवा की ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देने के विरोध में बंद का समर्थन कर रहे हैं। आल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रग्गिस्ट्स के अध्यक्ष जे एस शिंदे व अन्य पदाधिकारी ने कहा कि बंद को पूरी तरह सफल बनाने की कोशिश की जाएगी।
वेब डेस्क, IBC24
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