भोपाल गैंगरेप के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा- शिवराज सिंह | Bhopal Gangrape convicts will not be spared

भोपाल गैंगरेप के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा- शिवराज सिंह

भोपाल गैंगरेप के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा- शिवराज सिंह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : November 4, 2017/5:49 am IST

 

भोपाल गैंगरेप केस में रिपोर्ट लिखने में लापरवाही बरतने वाले 6 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई है. वहीं कोर्ट में पेशी के बाद आरोपियों को रिमांड पर भेजा गया है. लेकिन इतना सब होने के बाद भी सरकार का दावा है कि मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था अच्छी है.

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सीएम शिवराज सिंह ने रेप की इस घटना बेहद संवेदनशील मामला माना है. साथ उन्होंने कहा कि इस वारदात के किसी भी दोषियों को छोड़ा नहीं जाएगा।कोर्ट में निश्चित समय में चालान पेश किया जाएगा। एक्शन लिया जा रहा है।

 

ये हैं वो दरिंदे जिन्होंने हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर एक बेटी की अस्मत को तार-तार किया. लेकिन इसके बाद जो हुआ. उसने मध्यप्रदेश पुलिस की पोल-खोल दी. घटना के बाद पीड़िता को एक थाने से दूसरे थाने सीमा विवाद का हवाला देकर भटकाया गया. अंत में थक हारकर पीड़िता ने पिता को फोन करके आप बीती बताई और जीआरपी में मामला दर्ज हो सका. 

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इतना हो जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों को तत्काल पकड़ने की जहमत नहीं उठाई. दूसरे दिन पीड़िता ने पिता के साथ पास के ही झुग्गी बस्ती से आरोपी को पकड़ा और पुलिस के हवाले किया. तब कहीं जाकर पुलिस की नींद टूटी. इस घटना में पुलिस की लेटलतीफी की खबर जब सामने आई तो अधिकारी से लेकर प्रशासन हरकत में आ गया. मामले में पीड़िता को भटकाने वाले पुलिस थानों के 6 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी. वहीं इस पूरे मामले की जांच SIT को सौंपी गई है.

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गैंगरेप के केस में पुलिस पहले सभी आरोपियों के गिरफ्तारी की बात कहती रही.लेकिन आज ये साफ गया कि चौथा आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है. वहीं पुलिस ने तीन आरोपियों की पेशी करवाई जिसमें कोर्ट ने रमेश और अमर को न्यायिक हिरासत में भेजा जबकि तीसरे आरोपी गोली  को 2 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा गया है. लेकिन फिर भी प्रदेश के गृहमंत्री को लगता है कि राज्य में कानून व्यवस्था बेहतर है.

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ये तो थी पूरे मामले की पहली तस्वीर. अब आपको बताते हैं इस सनसनीखेज घटना से जुड़ी लापरवाहियों के बारे में. पहले रिपोर्ट लिखने में देरी और अब चौथे आरोपी की शिनाख्ती को लेकर असमंजस. यही है एमपी पुलिस का हाल. जिस चौथे आरोपी को पुलिस ने पकड़ने का दावा किया था.

दरअसल वो कोई दूसरा शख्स निकला और निर्दोष शख्स को 24 घंटे तक थाने में बिठाकर रखा गया. अब महिला आयोग के बाद इस मामले में मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग ने IG भोपाल से पूरे मामले की डिटेल मांगी है. लेकिन इस घटना ने बड़ा सवाल ये खड़ा किया है कि  सुस्त पुलिस को जगाने के लिए क्या हर बार सरकार को सख्त होना पड़ेगा. 

 

वेब डेस्क, IBC24