भोपाल गैंगरेप पीड़िता की जुबानी वहशियत की कहानी | Bhopal gangrape victim's story

भोपाल गैंगरेप पीड़िता की जुबानी वहशियत की कहानी

भोपाल गैंगरेप पीड़िता की जुबानी वहशियत की कहानी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : November 3, 2017/10:05 am IST

भोपाल। ‘गोलू और अमर मुझे रेलवे ट्रैक के पास पुलिया के नीचे ले गए और दोनों ने मेरे साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद गोलू ने अमर से कहा कि वो मुझपर नज़र रखे ताकि मैं वहां से कहीं भाग न सकूं। इसके बाद गोलू वहां से कहीं चला गया और करीब 15 मिनट बाद लौटा। वो अपने साथ चाय, गुटखा और सिगरेट लेकर आया था। चाय पीने और गुटखा खाने के बाद उसने फिर से मेरे साथ गलत काम किया। मेरे कपड़े खराब हो गए थे, फट गए थे, मैंने हाथ जोड़कर उनसे किसी तरह कोई कपड़ा ला देने की मिन्नत की तो गोलू फिर वहां से चला गया। जब वो कपड़े लेकर आया तो दो और लोग उसके साथ थे। उनके नाम रमेश और राजेश हैं। इसके बाद चारों ने फिर से मेरे साथ बलात्कार किया। मैं करीब तीन घंटे तक इन दरिंदों की दरिंदगी के कारण बेहोश हो गई। जब मुझे होश आया तो इनमें से कोई भी वहां नहीं था और मैं वैसे ही बिना कपड़ों के पड़ी थी। किसी तरह से मैं घर पहुंची और फिर हम थाने गए।‘

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भोपाल में रेलवे ट्रैक के पास हुए वीभत्स गैंगरेप की पीड़िता ने ये आपबीती खुद सुनाई है। गैंगरेप की इस वारदात ने न सिर्फ भोपाल और मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश में महिला सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से गंभीर बहस छेड़ दी है। 

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इस घटना के बाद से आक्रोश बढ़ता जा रहा है। मध्य प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने महिला सुरक्षा में नाकामी को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस इस मामले में लापरवाही के दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है।

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महिला आयोग ने फौरन इस वारदात पर संज्ञान लिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरे मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की घोषणा की। मध्य प्रदेश महिलाओं के साथ अपराध के मामले में बदनाम राज्यों में शुमार है और राज्य सरकार के लिए इस पर नियंत्रण हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों में भी मध्य प्रदेश में आपराधिक वारदात की बढ़ती संख्या सरकार की चिंता बढ़ा रही है। इस स्थिति को देखते हुए हाल ही में शिवराज सरकार ने 10 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सज़ा वाले प्रावधान को मंजूरी दी है, जिसे विधानसभा में पेश किया जाना है। वैसे एक अन्य रिपोर्ट में गोवा को महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा सुरक्षित और बिहार को सबसे ज्यादा असुरक्षित बताया गया है।

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लेकिन, भोपाल में बीएससी ग्रेजुएट और सिविल सर्विसेज़ की तैयारी कर रही 19 साल की छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना और उसकी जुबानी सामने आ रही वहशियत की कहानी ने मध्य प्रदेश के दामन पर ऐसा दाग लगा दिया है, जिससे हर कोई स्तब्ध है।

अब तक की तफ्तीश में ये सामने आया है कि चारों आरोपी झुग्गी बस्तियों में रहने वाले नशेड़ी-जुआरी प्रवृति के हैं। इनमें से एक अपनी नवजात बेटी की हत्या के केस में जेल से जमानत पर बाहर आया था। बाकी दो जीजा और साले हैं। पीड़िता की आपबीती में इन्होंने जिस तरह चाय, गुटखा, सिगरेट के लिए बीच-बीच में ब्रेक लेकर लगातार गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया है, उससे ऐसी आशंका भी उत्पनन होती है कि पहले भी इन्होंने इस तरह की घिनौनी वारदात को अंजाम दिया हो सकता है। इन आरोपियों के इस अपराध की विवेचना से ये पता चलता है कि इन्हें अच्छी तरह पता था कि जिस जगह पर गैंगरेप की इस वारदात को अंजाम दिया जा रहा था, वो अपराधियों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और वहां किसी के आने-जाने की संभावना न के बराबर होती है। ये दुर्भाग्य की ही बात थी कि पीड़िता वहां से गुजरी और इन दुष्कर्मियों की हवस का शिकार बन गई।

 
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