कवर्धा। सावन माह के अंतिम सोमवार आज श्रद्धालुओं की भीड शिवालयों में उमड़ी। विशेषकर छत्तीसगढ के खजुराहो भोरमदेव में श्रद्धालुओं का तांता सुबह से ही लगी रही। अंतिम सोमवार होने के कारण शहर से लेकर भोरमदेव तक कांवरियों की संख्या अधिक देखी गई। एक दिन पहले से ही बडी संख्या में जगह जगह कांवरिए जल लेकर पैदल भोरमदेव जाने निकले हुए थे। श्रद्धालु गंगाजल, बेलपत्र, पूजन सामग्री लिए दर्शन के लिए सुबह से ही लाइन लगाए रहे। जितनी संख्या पुरूषों की रही उससे कही अधिक संख्या महिलाओं की रही।
बता दें कि भोरमदेव स्थित 11 शताब्दी में बने शिव मंदिर में लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। माना जाता है कि संकल्प कर जो भी विधिविधान के साथ यहां पूजा अर्चना करते हैं। उसकी मनोकामना पूरी होती है। भोरमदेव में इस वर्ष भी कांवरिए बड़ी संख्या में जल लेकर अभिषेक करने सुबह से ही पहुंचे हैं। वहीं नगर के पंचमुखी बूढामहोदव मंदिर तथा ग्राम डोगरियां के जलेश्वर महादेव में भी लोग दर्शन करने उमड़े हैं। दोनों ही मंदिरों में हर वर्ष एक लाख से अधिक कांवरिए सावन माह में जलाभिषेक करते हैं। इस वर्ष भी कवर्धा जिले के अलावा रायपुर, बिलासपुर, बस्तर, बेमेतरा सहित प्रदेश भर से श्रद्धालु पहुंचे हुए थे।
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प्रदेश भर सावन माह में शिवालयों में श्रद्धालुओं की कतार सुबह से लगी रहती है। माह का अंतिम सोमवार होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या बडी संख्या में रही। आज भी सुबह से ही कांवरिए सहित जिले भर से श्रद्धालु शिवालयों में दर्शन करने पहुंचे हुए है। सबसे ज्यादा भीड़ भोरमदेव मंदिर, ग्राम डोगरियां के जलेश्वर महादेव तथा पंचमुखी बूढामहादेव मंदिर में रही। यहां भीड़ को देखते हुए पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था की गई थी।
अनुमान के मुताबिक इस साल भी माह भर में एक लाख से अधिक की संख्या में श्रद्धालु भोरमदेव मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचे। इस वर्ष भी पूरे सावन माह में कांवरियों के आना-जाना लगे रहने के कारण उत्साह का माहौल बना रहा। कई श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए भी पहुंच हुए थे। वहीं जिनकी मनोकामना पूरी हो चुकी है, वे भी भगवान भोलेनाथ के पास खुशी-खुशी पहुंचे हुए थे।
वेब डेस्क, IBC24
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