बिजली बंद की शिकायतों को भूपेश ने लिया गंभीरता से, कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में CSEB को तत्परता से हल करने निर्देश | Bhupesh has taken seriously the complaints of power cut

बिजली बंद की शिकायतों को भूपेश ने लिया गंभीरता से, कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में CSEB को तत्परता से हल करने निर्देश

बिजली बंद की शिकायतों को भूपेश ने लिया गंभीरता से, कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में CSEB को तत्परता से हल करने निर्देश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : June 6, 2019/1:24 pm IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कलेक्टर कॉन्फ्रेंस खत्म हो गई है। करीब पौने 5 घण्टे चली इस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने बिजली बंद होने की शिकायतों को बहुत गंभीरता से लिया। उन्होंने CSEB को तत्परता से इस समस्या को हल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी कलेक्टरों को अपने जिले के CSEB के अधिकारियों-कर्मचारियों की तत्काल बैठक लेकर बिजली समस्या को हल करने कहा।

मुख्यमंत्री की खुशमिजाजी से अत्यंत सकारात्मक वातावरण में गंभीर चिंतन के दौरान उन्होंने अनेक व्यावहारिक सुझाव भी दिए। कॉन्फ्रेंस में सीएम भूपेश ने कहा कि पोषण स्तर सुधारने की सभी योजनाओं का अधिक से अधिक परिवारों को लाभ मिले। उन्होंने छत्तीसगढ़ के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने प्राथमिकता से कार्य करने निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्भवती माताओं और बच्चों को सुपोषित बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए। इसके लिए राशि की कमी नही होने दी जायेगी। उन्होने कहा कि अगर राज्य के बच्चे कुपोषित रहे तो राज्य कुपोषित बना रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चो को सुपोषित आहार समय पर मिले। हाथ धुलाई का कार्य बच्चों के साथ सभी पालकों को भी बताए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अपने-अपने शासकीय आवास में वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य अनिवार्यतः कराने कहा। उन्होंने कहा कि इससे अन्य लोग भी वाटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रेरित होंगे। मुख्यमंत्री ने अवैध कालोनियों के निर्माण पर कड़ाई से अंकुश लगाने के निर्देश दिए। अवैध कालोनियों का निर्माण पाए जाने पर अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी। इस दौरान अधिकारियों ने जानकारी दी कि प्रदेश के सभी 222 पहुँच विहीन क्षेत्रों के पीडीएस दुकानों में बरसात के पूर्व अनाज का भण्डारण कर लिया गया है। आगामी खरीफ सीजन के लिए सहकारी समितियों में खाद और बीज की पर्याप्त उपलब्धता है। सहकारी समितियों में खाद-बीज के भंडारण के साथ ही किसानों ने इसका उठाव शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नरुआ, गरुआ, गुरुवा, बाड़ी, खेती और पशुपालन की मजबूती के लिए है। उन्होंने कहा कि मवेशियों के खुले में घूमने से खेती में दिक्कतें आ रही हैं। गौठान निर्माण और चारागाह विकास से यह समस्या दूर होगी। भूपेश ने कहा कि गौठान निर्माण धार्मिक नहीं बल्कि आर्थिक का है। जहां गौठान बन गये हैं वहां पशुओं का आना शुरू हो गया है। नरुआ, गरुआ, गुरुवा, बाड़ी (NGGB) से एक-दो साल में अच्छे परिणाम आएंगे।

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उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गोठान के लिए भूमि चयन में पूरी सावधानी बरतें। इस विषय में विवाद से बचें। गोठान में सीमेंट कांक्रीट का उपयोग ना हो। साथ ही कानून व्यवस्था की समस्या ना आए, इसका भी ख्याल रखें। गढ्ढा न हो, छाया रहे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना है, इससे गांव की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन होगा। NGGB में ग्रामीणों की सहभागिता बढ़ाएं। उनका अधिक से अधिक सहयोग लें।

 
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