केंद्रीय बजट से पहले बैठक में बोले भूपेश- केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्यों पर न डालें ज्यादा वित्तीय बोझ | Bhupesh said- Do not put more financial burden on the states in the Centrally Sponsored Schemes

केंद्रीय बजट से पहले बैठक में बोले भूपेश- केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्यों पर न डालें ज्यादा वित्तीय बोझ

केंद्रीय बजट से पहले बैठक में बोले भूपेश- केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्यों पर न डालें ज्यादा वित्तीय बोझ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : June 21, 2019/7:48 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मांग की है कि केंद्र प्रवर्तित योजनाओं में केंद्र का वित्तीय अंश बढ़ाया जाए तथा राज्यों के वित्तीय अंश को कम किया जाए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं में राज्यों के अंश को लगातार बढ़ाया जा रहा है और इससे राज्यों को काफी कठिनाईयों को सामना करना पड़ रहा है। बघेल आज नई दिल्ली में केन्द्रीय वित मंत्रालय के बजट पूर्व बैठक में बोल रहे थे। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीयय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। बैठक में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री बघेल ने सर्व शिक्षा अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना, एकीकृत बाल विकास योजना और अन्य योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार को अपने अंश के रूप में अधिक राशि प्रदान करना चाहिए। बैठक में उन्होंने 4 हजार 433 करोड़ के बस्तर प्लान का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना के तहत अभी तक केवल 306 करोड़ रूपए की राशि ही प्राप्त हुई है। उन्होंने शेष राशि शीघ्र उपलब्ध कराने की मांग की, ताकि बस्तर में प्रस्तावित अधोसंरचना विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, सिंचाई, पेयजल और स्वच्छता के कार्य किए जा सके।

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सौभाग्य योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के मापदंड में छूट प्रदान कर 100 से अधिक जनसंख्या के प्रावधान को शिथिल कर 50 से अधिक संख्या वाले मजरों-टोलों को भी निःशुल्क विद्युत कनेक्शन का लाभ दिया जाना चाहिए। बघेल ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में वन अधिकार मान्यता अधिनियम के अंतर्गत लाभान्वित परिवारों को भी इस योजना में शामिल करते हुए उनको प्रतिवर्ष 6 हजार के स्थान पर 12 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ द्वारा देश में धान का सर्वाधिक समर्थन मूल्य रूपए 25 सौ प्रति क्विंटल तय करते हुए खरीफ 2018 सीजन में 80 लाख टन से अधिक धान क्रय किया गया है। उन्होंने राज्य में भारतीय खाद्य निगम द्वारा केंद्रीय कोटे के अंतर्गत लिए जाने वाले 24 लाख टन चावल के कोटे में वृद्वि किये जाने का अनुरोध किया।

बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सभी परिवारों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए फूड फॉर ऑल योजना के अंतर्गत अब 35 किलो चावल प्रति राशन कार्ड उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने इस मद में होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति हेतु केन्द्र सरकार को प्रस्तुत किए जाने वाले दावा राशि का समय पर एवं संपूर्ण राशि का एकमुश्त भुगतान किये जाने का अनुरोध किया। नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि इसके लिए मनरेगा, राष्ट्रीय कृषि विकास, राष्ट्रीय पशुधन विकास आदि की राशि का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने इन योजनाओं में राज्य को अधिक अनुदान राशि दिये जाने की मांग की। उन्होंने अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्गो की कल्याण योजनाओं लिए भी अधिक राशि उपलब्ध कराने की मांग की।

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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में देश में पहला स्थान पाने का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्ण हो चुके सड़कों के संधारण के लिए भी राज्यों को सहायता अनुदान देने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सहायित सबला योजना में किये गये परिवर्तन का जिक्र करते हुए कहा कि इससे एक अप्रैल 2018 के बाद 15 से 18 वर्ष की शाला बाह्य बालिकाओं को योजना के लाभ से वंचित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने रायपुर एयरपोर्ट पर इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान करने और औद्योगिक गतिविधियों के लिए अन्तर्देशीय परिवहन अनुदान देने की भी मांग की। उन्होंने केन्द्रीय आदिवासी विश्वविद्यालय अमरकंटक के कैंपस को बस्तर में प्रारंभ करने और रायपुर में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का प्रादेशिक कार्यालय प्रारंभ करने का भी आग्रह किया। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी भी उपस्थित थे।