2018 में चौथी बार सरकार बनाने का टारगेट लिए बैठी बीजेपी जोड़-तोड़ की राजनीति के सहारे चुनावी नैया पार लगाने की जुगत में जुट गई है। मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष का पदभार संभावले ही राकेश सिंह ने इस बात के संकेत दिए हैं। राकेश सिंह ने गुरुवार को पूजा-अर्चना के बाद पदभार संभाला और कार्यकर्ताओं को देरी किए बगैर सीधे चुनावी रण में कूदने के निर्देश दिए।
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भाजपा के वन निर्वाचित अध्यक्ष का मिशन 2018 है और लक्ष्य 200 पार और चैथी जीत की जिद भी। मध्यप्रदेश भाजपा इस जिद के साथ चुनावी रणनीति बनाने की जद्दोजहद में जुटी गई है। पार्टी के नए मुखिया ने कार्यभार संभाल लिया है, और कुर्सी संभालते ही उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है, जो अब तक की पार्टी लाइन के विपरीत दिखती है। आप पहले जरा ये बयान सुन लीजिए।
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क्या ये बयान विरोध दल में खलबली मचाने के लिए दिया गया, या उसे कंफ्यूज करने के लिए, या फिर जीत के लिए बेताब बीजेपी हर वो रास्ता अख्तियार करने जा रही है, जो उसे 200 का आंकड़ा पार करा दे ? बीजेपी के नए नवेले अध्यक्ष के बयान ने पार्टी के उन नेताओं के भी होश फाख्ता कर दिए होंगे, जो विधानसभा का टिकट चाह रहे हैं। क्योंकि अगर वाकई बाहरी नेताओं को पार्टी में जगह मिली, तो उनकी दावेदारी खतरे में पड़ जाएगी।
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मतलब ये कि इससे पार्टी के अंदर इनसिक्योर्ड नेताओं की संख्या बढ़ जाएगी। नाराज नेताओं की एक जमात तो पहले ही पार्टी के अंदर मौजूद है, जिनसे डील करना पार्टी अध्यक्ष के लिए आसान नहीं होगा। वैसे भी पुराने अनुभव ये बताते हैं कि बीजेपी ने जिन नेताओं को अपने दल में जगह दी, उनमें से ज्यादातर बाद में उनके लिए परेशानी के सबब बने। ऐसे में सवाल ये है कि क्या आ बैल मुझे मार की कहावत को सच साबित करने की जुगत लड़ा रहे हैं राकेश सिंह, या फिर उनका ये बयान महज पॉलिटिकल स्टंट है।
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वेब डेस्क, IBC24