BSNL-MTNL को बंद करने को लेकर दूरसंचार मंत्री ने किया ये बड़ा ऐलान, कहा- लाई जाएगी VRS स्कीम | Big Statement of Minister Ravi Shankar Prasad for BSNL-MTNL, VRS scheme will be brought

BSNL-MTNL को बंद करने को लेकर दूरसंचार मंत्री ने किया ये बड़ा ऐलान, कहा- लाई जाएगी VRS स्कीम

BSNL-MTNL को बंद करने को लेकर दूरसंचार मंत्री ने किया ये बड़ा ऐलान, कहा- लाई जाएगी VRS स्कीम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : October 23, 2019/12:42 pm IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) को बंद नहीं करेगी। इन दोनों कंपनियों का विलय किया जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट ने इसके रिवाइवल प्लान को मंजूरी दे दी है। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि दोनों टेलीकॉम कंपनियों को न तो बंद किया जाएगा, ना ही विनिवेश किया जाएगा और ना ही इसको किसी तीसरे पक्ष को चलाने के लिए दिया जाएगा।

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यह बनाया रिवाइवल प्लान

प्लान के मुताबिक एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय होगा। बीएसएनएल के कर्मचारियों के लिए वीआरएस योजना लाई जाएगी। बीएसएनएल के रिवाइवल के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के सॉवरेन बॉन्ड लाए जाएंगे। 38 हजार करोड़ रुपये की संपत्तियां बेची जाएंगी। विलय प्रक्रिया पूरी होने तक एमटीएनएल, बीएसएनएल की सब्सिडियरी रहेगी। साथ ही बीएसएनएल-एमटीएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम दिए जाने पर भी सहमति जताई गई है।

दोनों कंपनियों की संपत्तियों को बेचने या फिर किराये पर देने के एक संयुक्त कमेटी बनाने को मंजूरी दे दी है। इस कमेटी में बीएसएनएल, दूरसंचार विभाग और विनिवेश विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। बीएसएनएल पर फिलहाल 14 हजार करोड़ की देनदारी है और वित्त वर्ष 2017-18 में उसे 31287 करोड़ का नुकसान हुआ था। कंपनी में फिलहाल 1.76 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। वीआरएस देने से कर्मचारियों की संख्या अगले पांच सालों में 75 हजार रह जाएगी।

एमटीएनएल में 22 हजार कर्मचारी

एमटीएनएल में फिलहाल 22 हजार कर्मचारी हैं और कंपनी की 19 हजार करोड़ रुपये की उधारी है। कंपनी अपनी 90 फीसदी आय कर्मचारियों की सैलरी देने में खर्च करती है। अगले 6 साल में कंपनी के करीब 16 हजार कर्मचारी रिटायर हो जाएंगे।

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इसलिए जरूरी है बीएसएनएल का बने रहना
प्रसाद ने कहा जब भी देश के किसी भी हिस्से में कोई प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, तूफान आता है, तो बीएसएनएल ही पहली कंपनी होती है जो मुफ्त में सेवाएं देती है। कंपनी की कमाई का 75 फीसदी हिस्सा कर्मचारियों का वेतन देने में काम आता है। वहीं अन्य कंपनियां इस मद में केवल पांच से 10 फीसदी खर्च करती हैं। कंपनी अभी अपने कर्मचारियों को सितंबर माह की सैलरी भी नहीं दे पाई है। हालांकि उसने घोषणा की है, कि वो दिवाली से पहले वेतन का भुगतान कर देगी।

हालांकि पहले वित्त मंत्रालय एमटीएनएल और बीएसएनएल को चलाने के पक्ष में नहीं था और इनको बंद करने की सिफारिश की थी। कैबिनेट बैठक से पहले ही अमित शाह की अध्यक्षता में बने मंत्रियों के समूह ने दोनों कंपनियों के रिवाइवल प्लान को मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्रालय ने प्रस्ताव के 80 बिंदुओं पर असहमति जताई थी।