किसानों के हित में सरकार की कई योजनाएं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते इस लैब में सड़ रहे करोड़ों के उपकरण | Billion instrument of agriculture lab become a show pic due to officer's negligence

किसानों के हित में सरकार की कई योजनाएं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते इस लैब में सड़ रहे करोड़ों के उपकरण

किसानों के हित में सरकार की कई योजनाएं, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते इस लैब में सड़ रहे करोड़ों के उपकरण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : May 17, 2019/4:12 pm IST

​रीवा: किसानों के खेतों की उपज बढ़ाने की दिशा में उर्वरक की जांच के लिए करोडों की लागत से बनाए गए संभागीय कृषि मुख्यालय और उनके उपकरण शो पीस बनकर रह गए हैं। क्योकि यहां ने किसानों को कोई जानकारी दी जा​ती है और न​ ही कोई अधिकारी समय पर कार्यालय पहुंचते हैं। हालांकि लैब के लिए 6 साल पूर्व ही सारी सुविधाई की स्वीकृति दे दी गई थी, लेकिन किसानों को इसका 1 प्रतिशत लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है। ज्ञात हो कि प्रदेश में सत्ता पलट के बाद सरकार ने किसानों के हित में कई वादे किए हैं और अधिकारी ही ऐसे लापरवाही करेंगे तो सरकार की योजनाओं का क्या होगा।

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गौरतलब है कि वर्ष 2012 में कृषि विभाग के लिए उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला के लिए तत्कालीन समय में करीब 46 लाख की स्वीकृति की गई थी। इसके बाद संयुक्त संचालक कृषि कार्यालय द्वारा करोड़ों रुपए की लैब से संबंधित सामग्रियां खरीद ली गई। जबकि विभाग के पास ऐसी सामग्रियों को रखने की जगह ही नहीं है। फंड स्वीकृत होने के बाद भी लैब के लिए भवन की स्थापना नहीं हो पाई, परिणाम स्वरूप संभागीय संयुक्त संचालक कृषि के प्रेस भवन में वर्ष 2012 से 2018 तक सामग्रियां जंग खाती रही। लैब के लिए विभाग के पास जमीन का अभाव रहा, लेकिन करीब 1 वर्ष पूर्व कुठुलिया में प्रयोगशाला भवन के निर्माण के वास्ते करीब 1 एकड़ की जमीन उपलब्ध कराई गई।

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नवनिर्मित भवन 6 माह पहले ही कृषि विभाग को सौंप दिया गया है, लेकिन लेकिन अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हो पाई। वहीं, अधिकारियों की यह लापरवाही उच्च् अधिकारियों द्वार भी अनदेखी की जा रही है। कार्यालय शहर से काफी दूर होने के चलते उच्च अधिकारी भी जांच के लिए साल में कुछ ही दिन यहां पहुंचते हैं इसका नाजायज फायदा यहां के अधिकारी उठा रहे हैं। मामले में संबध में जब बात करने आईबीसी 24 की टीम कार्यालय में पहुंची तो पाया कि समय 11.30 हो चुका है, लेकिन अधिकारी अभी तक कार्यालय नहीं पहुंचे हैं। वहीं, रीवा में कई ऐसे कार्यालय भी हैं जो चपरासियों के भरोसे संचालित हो रहे हैं। अधिकारी और कर्मचारी अन्य काम का बहना बनाकर घरों में आराम फरामाते पाए जाते हैं।

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Question 15 – क्या मध्य प्रदेश में बीजेपी प्रभावी प्रदर्शन करेगी ?
Question 16 -क्या दिग्विजय सिंह भोपाल का चुनाव जीत पाएंगे ?
Question 17- क्या छत्तीसगढ़ में इस बार मोदी लहर है ?
Question 18- क्या प्रियंका गाँधी कांग्रेस के लिए गुडलक साबित हो पाएंगी ?

 
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