दुर्ग। भाजपा ने ठीक चुनाव से एक दिन पहले अपने पुराने निर्णय से यू टर्न ले लिया है, पहले भाजपा ने अपने पार्षदों की संख्या बल के आधार पर अपना महापौर और सभापति का प्रत्याशी नही उतारते हुए विपक्ष में बैठने पर निर्णय लिया था लेकिन अब भाजपा ने नई रणनीति के तहत दोनो पदों पर अपने कैंडिडेट उतारने का ऐलान कर दुर्ग की राजनीतिक फिजा को फिर से एक बार गरमा दिया है।
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हालांकि भाजपा के लिए प्रत्याशी उतारना तो आसान है लेकिन उसे जिताना सपने जैसा है, भाजपा ने निर्दलीयों के भरोसे और कांग्रेस में चल रहे आपसी खटपट में क्रॉस वोटिंग होने की संभावना से ऐसा किया है, भाजपा के 16 पार्षद जीतकर आये हैं तो वहीं 13 निर्दलीयों में से 6 भाजपा के बागी है ऐसे में भाजपा अपने बागियों पर भी भरोसा कर रही है लेकिन ये इतना आसान नही है।
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अब रहा सवाल भाजपा के महापौर और सभापति के प्रत्याशी का तो भाजपा भी कांग्रेस की राह पर चलते हुए ठीक कल होने वाले चुनाव से पहले ही अपने प्रत्याशी के नाम को उजागर करेगी। अब देखना होगा भाजपा कितनों को मना पाती है या फिर अपनों का भी पूरा समर्थन जुटा पाने में सफल होती है या नही। वैसे दुर्ग नगर निगम पर पूरे प्रदेश की नजर टिकी हुई है अब देखना होगा कल किसको निगम का ताज पहनने का मौका मिलता है।
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