बलरामपुर। जिले में बीजेपी का संगठन चुनाव काफी विरोध और उलटफेर के बाद आखिरकार संपन्न हो गया। लेकिन आज भी संगठन के चुनाव से दूसरा खेमा नाराज हैं। वहीं, संगठन चुनाव में हुए विरोध से एक बार फिर से बीजेपी नेताओं में गुटबाजी शुरू हो गई जिसका खामियाज भाजपा को नगरीय निकाय चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।
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बता दें कि जिले में कुल 11 मण्डल हैं, और लगभग सभी मण्डलों में अध्यक्ष के चुनाव पर काफी विरोध देखने को मिला। लेकिन संगठन के निर्णय अनुसार निर्वाचन अधिकारी ने अपने ही तय किए गए प्रत्याशी को मण्डल अध्यक्ष का कमान सौंपा है। जिले में सबसे ज्यादा विरोध राजपुर,कुसमी,चांदो और शंकरगढ में देखने को मिला। जहां गुप्त कमरे में मण्डल अध्यक्ष का घोषणा किया गया और इसके बाद यहां भाजपाईयों में जमकर उठापटक देखने को मिला।
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मनमाने तरीके से मण्डल अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद भाजपा अब पूरी तरह से दो से तीन गुटो में बंट चुकी है भाजपाईयों की मानें तो जिन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान विरोध किया और कांग्रेस पार्टी के लिए काम किया संगठन ने मण्डल अध्यक्ष की जिम्मेदारी उन्हें ही सौंप दिया है। उन्होने कहा कि यही कारण है की अब भाजपा को नुकसान उठाना पडेगा और निकाय चुनाव के साथ ही पंचायत चुनाव में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
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वहीं भाजपा के निर्वाचन अधिकारी के रुप में आए गौरीशंकर अग्रवाल की मानें तो कार्यकर्ताओं की राय लेकर सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनाए जा रहे हैं ऐसे चुनाव में हर किसी की लालसा पद पाने की होती है इसलिए कार्यकर्ताओं में गुस्सा है। उनकी मानें तो कुछ दिनेां में सब कुछ ठीक हो जाएगा।