भितरघात की वजह से हरियाणा में कम हुई भाजपा की सीटें, इस तरह हो रहा खुलासा...देखिए | BJP seats reduced in Haryana due to fratricide, revealing in this way ... See

भितरघात की वजह से हरियाणा में कम हुई भाजपा की सीटें, इस तरह हो रहा खुलासा…देखिए

भितरघात की वजह से हरियाणा में कम हुई भाजपा की सीटें, इस तरह हो रहा खुलासा...देखिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : October 31, 2019/10:41 am IST

नईदिल्ली। ​हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपने निर्धारित लक्ष्य 75 सीटों से काफी पीछे रही भाजपा के कमजोर प्रदर्शन की वजह पार्टी के साथ बड़े स्तर पर हुआ भितरघात है। इस चुनाव में भाजपा 90 में से 40 सीटें ही जीत पाई। पार्टी ने अब इस मामले पर संज्ञान लेना शुरू कर दिया है। बीजेपी ने इस चुनाव में अपने 12 विधायकों का टिकट काटा था और कुछ नए चेहरों को टिकट दिया था। माना जा रहा है कि इसके चलते पार्टी में बड़े स्तर पर भितरघात हुई और स्थानीय नेताओं ने पार्टी के उम्मीदवार का साथ ही नहीं दिया।

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बता दें कि रादौर विधानसभा सीट पर कुछ ऑडियो क्लिप वायरल हुई, जिनमें पूर्व विधायक श्याम सिंह राणा पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं को वोट न देने के लिए दबाव बनाते हुए सुनाई दिए, इस मामले में रादौर से चुनाव लड़ने वाले पूर्व राज्य मंत्री कर्ण देव कंबोज ने श्याम सिंह राणा पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि श्याम सिंह राणा की गद्दारी की वजह से वह चुनाव हारे हैं।

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बताया जा रहा है कि ऐसे ही भितरघात से पार्टी को नुकसान पहुंचा और करीब 12 से 15 सीटों पर पार्टी को इसका खामियाजा उठाना पड़ा है। इस मामले पर पार्टी में मंथन शुरू हो गया है और बीजेपी नेताओं की मानें तो मंथन के बाद इसमें जरूरी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा बीजेपी संगठन के चुनाव भी जनवरी तक संभावित हैं। माना जा रहा है कि इसके बाद बीजेपी संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव देखने को मिल सकता है। पार्टी संगठन से कई लोगों की छुट्टी भी हो सकती है।

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ऐसी सीटों की अगर बात की जाए तो रादौर से श्याम सिंह राणा का टिकट काट दिया गया। बरवाला विधानसभा सीट पर जहां सुरेंद्र पुनिया चुनाव लड़े यहां जोगीराम सिहाग बीजेपी से टिकट मांग रहे थे। टिकट न मिलने पर उन्होंने पार्टी छोड़ कर जेजेपी से चुनाव लड़ा और चुनाव जीत गए। दादरी में बबीता फोगाट ने चुनाव लड़ा लेकिन स्थानीय नेताओं ने बबीता का साथ नहीं दिया और बीजेपी के बागी उम्मीदवार सोमवीर सांगवान चुनाव जीते।

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इसी प्रकार महम विधानसभा सीट पर भी बलराज कुंडू बीजेपी के नेता टिकट न मिलने से नाराज हुए और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते। रेवाड़ी सीट पर बीजेपी के पूर्व विधायक रणधीर कापरीवास को पार्टी मनाने में नाकाम रही उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और बीजेपी को बड़ा नुकसान पहुंचाया। नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस के चिरंजीव राव यहां से चुनाव जीत गए।

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पृथला विधानसभा सीट पर बीजेपी के बागी नयनपाल रावत चुनाव जीते। नीलोखेड़ी सुरक्षित विधानसभा सीट से भी धर्मपाल गोंदर बीजेपी में थे, टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत गए। इसी तरीके से पूंडरी विधानसभा सीट पर बीजेपी ने अपने महामंत्री एडवोकेट वेदपाल को चुनावी मैदान में उतारा लेकिन यहां भी स्थानीय नेताओं ने उनका साथ नहीं दिया और यहां से बीजेपी के बागी रणधीर गोलन चुनाव जीते। सिरसा सीट पर भी बीजेपी नेता गोकुल सेतिया टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़े हालांकि वो चुनाव हार गए लेकिन इसके चलते बीजेपी का बड़ा नुकसान हुआ।

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