कालाबाजारी आपदा पर भारी...कैसे बंद होगा संकट काल में मुनाफाखोरी का 'गंदा खेल'? | Black marketing heavy on disaster ... How will the 'dirty game' of profiteering in crisis time stop?

कालाबाजारी आपदा पर भारी…कैसे बंद होगा संकट काल में मुनाफाखोरी का ‘गंदा खेल’?

कालाबाजारी आपदा पर भारी...कैसे बंद होगा संकट काल में मुनाफाखोरी का 'गंदा खेल'?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : April 17, 2021/6:42 pm IST

रायपुर: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक बार फिर रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मारामारी का दौर शुरू हो गया है। कोविड मरीजों के इलाज में कारगर मानी जा रही रेमडेसिविर इन दिनों तय कीमत से हजार गुना ज्यादा कीमत पर बिक रही है। बढ़ती डिमांड को देखते हुए संकट की घड़ी में भी काली कमाई करने से बाज नहीं आ रहे हैं मुनाफाखोर। केंद और राज्य सरकारें इन सख्त कार्रवाई का भरोसा तो दिला रही है लेकिन रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी जारी है, जिसका नुकसान मरीजों के परिजन को हो रहा है। ऐसे में सवाल है कि आपदा को काली कमाई का जरिया बनाने वालों पर कैसे लगेगा लगाम?  सवाल ये भी कि महामारी में कालाबाजारी क्यों?

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जी हां ये हाल है मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के बड़े शहरों का, कोरोना के बढ़ते कहर से जब हर कोई खौफजदा है। ऐसे में कुछ दवाइयां ऐसी हैं, जो कोरोना से जिंदगी बचा सकती है। तब इन दवाइयों की कालाबाजारी शुरू हो गई है। इंसान के एक-एक सांस की कीमत लगाई जा रही है इन्हीं दवाई और इंजेक्शन में से एक रेमडेसिविर भी है, जिसकी कालाबाजारी धड़ल्ले से जारी है। इसकी एक बानगी IBC24 के पास मौजूद ये ऑडियो क्लिप है। पहले इसे सुनिए फिर जिम्मेदारों का बयान सुनाएंगे।

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बता दें कि IBC24 ने खबरों के माध्यम से खुलासा किया था कि रायपुरा समेत शहर की दवा दुकानों में 900 और 24 सौ में मिलने जीवनरक्षक दवा को 16 से 20 हजार में बेचा जा रहा है। जिसके बाद ड्रग डिपार्टमेंट समेत पुलिस ने इसे संज्ञान में लिया.. लगातार मिल रही सूचना के आधार पर अभी 2 आरोपी गिरफ्तार किए गए है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरों को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार भी गंभीर है।

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रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने केंद्र सरकार ने सख्ती बरतने के साथ इसे रोकने नए-नए कदम उठा रही है। इस कड़ी में केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमतें भी तय कर दी हैं। एक तरफ जहां तमाम मुनाफाखोरी को रोकने सरकारें तमाम उपाय कर रही है। शहरों में डिमांड के हिसाब से अस्पतालों दवाई दुकानों रेमडेसिविर इंजेक्शन की सप्लाई की जा रही है। लेकिन कालाबाजारी धड़ल्ले से जारी है, जिसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है।

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बहरहाल पूरे देश में कोरोना संक्रमण चरम पर है, हर दिन लाखों केस सामने आ रहे हैं। इसके इलाज में कारगर मानी जा रही इंजेक्शन रेमडेसिविर की डिमांड बढ़ गई है। कई राज्यों और शहरों में इसकी भारी किल्लत है। किल्लत को देखते हुए कुछ लोगों ने आपदा को काली कमाई का जरिया बना लिया है। ऐसे में सवाल है कि संकट काल में मुनाफाखोरी का ‘गंदा खेल’ कैसे बंद होगा?

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