नई दिल्ली । शबरी के प्रेम के आगे तो श्री राम ने भी सिर झुका लिया था, ऐसे उदाहरण सिर्फ भारत में ही दिखाई दे सकते हैं। देश के प्रथम नागरिक से सम्मान पाना ही अपने आप में एक उपलब्धि हैं, लेकिन पद की गरिमा से अंजान कोई सहजता से उन्हें ही अपना आशीर्वाद दे तो सारे संकोच खत्म हो जाते हैं। इस निश्छल प्रेम के आगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सिर झुका लिया, दरअसल पद्म पुरस्कारों के वितरण समारोह में, राष्ट्रपति भवन का कड़ा प्रोटोकॉल भी, कर्नाटक में हजारों पौधे लगाने के लिए पद्म श्री से सम्मानित 107 साल की सालूमरदा थीमक्का को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को आशीर्वाद देने से नहीं रोक सका। पुरस्कार लेने पहुंची थीमक्का ने आशीर्वाद स्वरूप राष्ट्रपति के माथे को हाथ लगाया।
यह भी पढ़ें-योगी आदित्यनाथ ने किया जीत का दावा- प्रियंका गांधी वाड्रा सिर्फ एक ‘हौवा’ है, लोकसभा चुनाव में नहीं
थीमक्का ने 8000 से ज्यादा पेड़ लगाएं हैं और यही वजह है कि उन्हें ‘वृक्ष माता’ की उपाधि मिली है। उन्हें राष्ट्रपति भवन में शनिवार को अन्य विजेताओं के साथ पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कड़े प्रोटोकॉल के तहत आयोजित होने वाले समारोह में हल्के हरे रंग की साड़ी पहने थीमक्का ने अपने माथे पर त्रिपुंड भी लगाए हुए थीं। पद्म पुरस्कार लेते समय जब थीमक्का से 33 साल छोटे राष्ट्रपति ने उन्हें कैमरे की तरफ चेहरा करने को कहा तो थीमक्का ने राष्ट्रपति का माथा छू लिया और आशीर्वाद दिया। थीमक्का के इस सहज कदम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य मेहमानों के चेहरे पर मुस्कान आ गई और समारोह कक्ष उत्साहपूर्वक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
यह भी पढ़ें-भारत-अमेरिका मिलकर बनाएंगे ड्रोन, विशेष अभियानों में मिलेगी मदद
थीमक्का की कहानी धैर्य और दृढ़ संकल्प की कहानी है। जब वह उम्र के चौथे दशक में थीं तो बच्चा न होने की वजह से खुदकुशी करने की सोच रही थीं, लेकिन अपने पति के सहयोग से उन्होंने पौधरोपण में जीवन का संतोष तलाश लिया।
मेघालय की दो लोकसभा सीटों पर दोपहर बाद 3 बजे…
33 mins ago