आईएएस बनने का सपना संजोए, ब्लाइंड राकेश ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड में अर्जित किये 82 प्रतिशत | Blind Rakesh scored in the CBSE 12th board 82 percent

आईएएस बनने का सपना संजोए, ब्लाइंड राकेश ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड में अर्जित किये 82 प्रतिशत

आईएएस बनने का सपना संजोए, ब्लाइंड राकेश ने सीबीएसई 12वीं बोर्ड में अर्जित किये 82 प्रतिशत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : May 11, 2019/7:10 am IST

बलरामपुर। छात्र के जीवन में 10वीं और 12वीं बोर्ड बहुत मायने रखते है। ये छात्र के जीवन की वो परीक्षा होती है जिसके आधार पर वो अपने आगे के करियर को चुनते हैं।मगर ज्ञान मिलना इतना आसान नहीं होता ,कोई आर्थिक। से कमजोर होता है तो कोई शारीरिक रुप से। लेकिन पढ़ने का दृढ निश्चय हो तो कोई भी बाधा उन्हें रोक नहीं सकती। इन्ही में से एक है राकेश प्रजापति,बता दें कि राकेश देख नहीं सकता लेकिन फिर भी सीबीएसई 12वीं बोर्ड में 82 प्रतिशत अंक हासिल कर मिसाल कायम कर दिया है।
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बलरामपुर जिले के छोटे से गांव नगरा धनपुरी का रहने वाला राकेश जन्म से ब्लाइंड है लेकिन उसे पढने और जीवन में कुछ कर गुजरने की असीम चाहत है।बेटे की पढाई के प्रति रुचि को देखकर उसके पिता और परिजनों ने उसे पढ़ाने की सोची और बलरामपुर जिले में कोई दिव्यांग स्कूल नहीं होने के कारण राकेश का दाखिला दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में कराया।राकेश ने यहीं अपने जीवन को गढना शुरू किया और कडी मेहनत कर उसने इस साल के 12वीं बोर्ड की परीक्षा में 82 प्रतिशत अंक हासिल कर सभी को चौका दिया है।
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बता दें कि राकेश ने पहली से दसवी तकं की पढाई हरिद्वार में पूरी की है और उसके बाद उसने दिल्ली में पढना शुरू कर दिया था और वहां दो साल तक पढने के बाद राकेस ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा अच्छे अंको से उत्तीर्ण की है।पढने का जज्बा रखने वाले राकेश के पिता खेती किसानी का काम करते हैं। अपने पैतृक गांव और प्रदेश का नाम रौशन करने के लिए राकेश अब आईएएस बनने का सपना संजो रहा है।राकेस ने बताया की वो आईएएस आफिसर बनना चाहता है और दिव्यांगो के प्रति जो लोगों की सोच है उसे बदलना चाहता है।आंखों से देख नहीं पाने के बाद भी राकेश ने जो उपलब्धि हासिल किया है उसे देखकर और सुनकर पूरा गांव खुश है। राकेश के छोटे भाई की मानें तो लोग आंखों से देखकर पढने के बाद भी यह मुकाम हासिल नहीं कर पाते हैं वहीं उसके पिता की मानें तो अपने बेटे की पढाई के लिए उन्हें जो भी करना पडे वो उसके लिए तैयार हैं।राकेश की इस उपलब्धि से जिला प्रसासन भी बेहद खुश हैं और जिला कलेक्टर के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी इसमें ख़ुशी जाहिर की है। साथ ही राकेश की हरसंभव मदद करने का भरोसा दिलाया है।