सकारात्मकता जिंदाबाद | blog on corona virus lockdown

सकारात्मकता जिंदाबाद

सकारात्मकता जिंदाबाद

:   Modified Date:  November 28, 2022 / 10:09 PM IST, Published Date : March 29, 2020/10:17 am IST

21 दिन का लॉकडाउन। यानी जरूरी सेवाओं को छोड़कर सब कुछ बंद। चुनौती और परेशानी भरे दिन। अब दो ही रास्ते हैं। या तो हम पेश आ रही असुविधा का रोना रोकर नकारात्मकता फैलाएं, या फिर एक बड़ी आपदा को टालने के लिए सरकार की ओर से लागू किए गए लॉकडाउन का अनुपालन सुनिश्चित करके दूसरों को भी प्रेरित करें। वैसे,अब कोई दूसरी च्वाइस बची भी नहीं है। तो क्यों ना थोड़ा सा सकारात्मक ही हो जाएं।

माना कि कोरोना के व्यापक रूप लेने से पहले तक सरकार के इंतजाम नाकाफी थे। लेकिन फिलहाल सरकार को कोसने से कुछ हासिल नहीं होना है। यकीन मानिए, इंतजाम दुरुस्त रहते तो भी हालात ज्यादा जुदा नहीं होते। भरोसा ना हो तो चीन, अमेरिका, इटली जैसे मेडिकल सुविधा सम्पन्न राष्ट्र का हाल देख लीजिए।

अगर ये कर लिया होता तो ये नहीं होता, और वो कर लिया होता तो वो नहीं होता जैसी भड़ासी प्रतिक्रिया का अब कोई मतलब नहीं। बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुधि लेय। देर से ही सही, लेकिन सरकार अब जाग चुकी है। भरोसा रखिए, देश और प्रदेश की सरकारों के पास हमसे बेहतर विशेषज्ञ हैं। वे हालात के अनुरूप ही कार्यनीति और रणनीति बना रहे होंगे।

कोरोना की रोकथाम के लिए केंद्र और मेरे प्रदेश छत्तीसगढ़ की सरकार का कामकाज अब तक शानदार रहा है। टकरावी मिजाज के विपरीत इस आपदा काल में दोनों सरकारों के बीच बढ़िया तालमेल नजर आया है। सियासी उथलपुथल के बाद मध्यप्रदेश में भी शिवराज सिंह चौहान ने मोर्चा संभाल लिया है। बाकी प्रदेशों की सरकारों ने भी अपने काम से प्रभावित किया है। प्रदेश सरकारों में जनहितकारी कदमों को लागू करने की प्रतिस्पर्धा देखना वाकई सुखद अनुभव है।

इसलिए अच्छा है कि सरकार के हिस्से का काम सरकारों पर छोड़कर हम अपने हिस्से की जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाएं। और इसके लिए करना केवल ये है कि हमें कुछ करना नहीं है। बस घर में ही रहना है।

लॉक डाउन के दौरान पेश आने वाली चुनौतियों से सकारात्मकता ही पार लगाएगी। ये सच है कि करोना से देश में कुछ मौतें हो चुकी है, लेकिन दूसरा सकारात्मक पहलु ये है उससे पांच गुना मरीज ठीक होकर अस्पताल से घर भी तो जा चुके हैं। संक्रमण वृद्धि दर की रफ्तार में भी ब्रेक लगा है। इसलिए बी पॉजिटिव।

निराशा के बीच आशा तलाशिए, चुनौती का सामना करने में आसानी होगी।

 

सौरभ तिवारी

डिप्टी एडिटर, IBC24

 
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