क्या तथाकथित सभ्य समाज में पोर्न और रेप में कोई फर्क नहीं रहा ? | Blog on Kathua Gangrape :

क्या तथाकथित सभ्य समाज में पोर्न और रेप में कोई फर्क नहीं रहा ?

क्या तथाकथित सभ्य समाज में पोर्न और रेप में कोई फर्क नहीं रहा ?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 AM IST, Published Date : April 17, 2018/3:54 pm IST

स्वस्थ मानसिकता और सुद्दढ़ सोच के लोग ही समाज को शिखर पर ले जाते हैं, लेकिन जिस समाज में अस्वस्थ मानसिकता के लोग रहते हैं और सकारात्मक विचारों की कमी होती है, वो समाज अगर शिखर पर भी हो तब भी सिफर की ओर ही जाता है। आप सोच रहे होंगे कि हम इस तरह की भाषा का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं. तो चलिए बात करते हैं एक ऐसी खबर की जो पिछले कई दिनों से सुर्खियों में है। जी हां! हम बात कर रहे हैं कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले की! पहले 8 साल की बच्ची के साथ रेप हुआ उसके बाद रेप के आरोपियों के समर्थन में नारे भी लगे. ये तो शर्मनाक था ही! शायद समर्थन वाले शोर में विरोध की बुलंद आवाज के बाद कार्रवाई हुई और न्याय की एक उम्मीद जगी। 

देखें –

 

लेकिन आज सोशल मीडिया पर खबर पढ़ने के दौरान एक ऐसी खबर पर नजर पड़ी जो हमें ये सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारे समाज में कुछ लोगों की सोच सिर्फ हवस तक ही सीमित है? खबर ये थी कि 8 साल की बच्ची जो कठुआ गैंगरेप की विक्टिम है, उसका नाम पोर्न वेबसाइटएक्स वीडियो’ पर इतनी बार सर्च किया गया कि उस वेबसाइट पर रेप विक्टिम आशिफा ट्रेंड करने लगी! उस दौरान ये लगा कि हमारे परिवेश में किस तरह के अस्वस्थ मानसिकता के लोग रहते हैं ? जिनको रेप और पोर्न में कोई फर्क नहीं दिखता। 

 देखें –

 

खैर, ये एक आशिफा की ही बात नहीं है, अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब पर लोग रेप के वीडियोज सर्च करते हैं। और पोर्न वीडियोज की तरह देखते हैं। कहने का मतलब ये है कि अगर हमारी सोच में परिर्वतन नहीं हुआ तो ऐसी शर्मनाक घटनाओं पर रोक लगना मुमकिन नहीं है।

 

 

अर्जुन सिंह, कंटेंट एग्जीक्यूटिव, IBC24