अर्थी पर सवार होकर नामांकन फार्म खरीदने पहुंचे उम्मीदवार, रामनाथ कोविंद के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की कर चुके हैं दावेदारी | by election arthi baba buy nomination form for deoria election know here who is mba pass rajan yadav

अर्थी पर सवार होकर नामांकन फार्म खरीदने पहुंचे उम्मीदवार, रामनाथ कोविंद के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की कर चुके हैं दावेदारी

अर्थी पर सवार होकर नामांकन फार्म खरीदने पहुंचे उम्मीदवार, रामनाथ कोविंद के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की कर चुके हैं दावेदारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : October 30, 2020/2:03 pm IST

देवरिया: आगामी दिनों में होने वाले उपचुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में घमासान मचा हुआ है। वहीं, दूसरी ओर चुनावी मैदान से उम्मीदवारों के अजीबोगरीब कारनामे सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को सामने आया है, जहां एक उम्मीदवार अर्थी पर बैठकर नामांकन फार्म खरीदने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे थे। बताया गया कि उम्मीदवार एमबीए पास हैं और वे पीएम मोदी, राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन सबसे ज्यादा वह चर्चा में तब आए जब वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिये दावेदारी कर रहे थे। अर्थी बाबा राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन प्रस्तावक के अभाव में पर्चा निरस्त हो गया।

Read More: मध्यप्रदेश का सत्ता संग्राम: मुंगावली का चौधरी कौन? जनता बीजेपी का देगी साथ या फिर कांग्रेस मारेगी बाजी

मिली जानकारी के अनुसार देवरिया सदर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवारी कर रहे राजन यादव शुक्रवार को अपने समर्थकों के साथ नामांकन फार्म खरीदने अर्थी पर सवार होकर पहुंचे थे। इस दौरान उनके समर्थक राम-राम सत्य का भी नारा लगा रहे थे। लोग राजन यादव अर्थी बाबा के नाम से भी जानते हैं।

Read More: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख बढ़ी, जानें कब तक फाइल कर सकते हैं ITR

बता दें कि राजन यादव 2008 में एमबीए करने के बाद बैंकाक में एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे थे। लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अपने आपको एक सामाजिक कार्यकर्ता घोषित कर दिया। बताया जाता है कि राजन यादव तीन भाइयों और दो बहनों में मझले हैं। राजन नामांकन भरना हो, चुनाव प्रचार करना हो, आंदोलन करना हो, सब अर्थी पर ही सवार होकर चुनाव प्रचार करते हैं। ऐसा करने के पीछे ​अर्थी बाबा का मानना है कि यही जीवन का एकमात्र सत्य है। इसे वो सत्य का प्रतीक मानते हैं। इसके अलावा वो घाट पर जलने वाली चिताओं की पूजा भी करते हैं।

Read More: पहली बार एक दिन का होगा छत्तीसगढ़ राज्योत्सव, राहुल गांधी वर्चुअल होंगे शामिल, नहीं होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम