मामला Raipur के Queens Club का! आखिर हाउसिंग बोर्ड कब करेगी कार्रवाई? सवालों के घेरे में अधिकारी | Case of Queens Club of Raipur! when Will the Housing Board take action after all? Officers in the circle of questions

मामला Raipur के Queens Club का! आखिर हाउसिंग बोर्ड कब करेगी कार्रवाई? सवालों के घेरे में अधिकारी

मामला Raipur के Queens Club का! आखिर हाउसिंग बोर्ड कब करेगी कार्रवाई? सवालों के घेरे में अधिकारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:20 PM IST, Published Date : March 4, 2021/6:02 pm IST

रायपुर: लॉकडाउन के दौरान रायपुर के क्वींस क्लब में पार्टी की घटना के 5 महीनों से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन कांट्रैक्ट नियमों के उल्लंघन करनेवाले क्लब के संचालक हरबक्श सिंह बत्रा के खिलाफ हाउसिंग बोर्ड ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। कार्रवाई की फाइल बोर्ड के आयुक्त के पास जाकर अटक गई है। वहीं, क्वींस क्लब के पीछे बने विधायक कॉलोनी को वीआईपी रोड से जोड़ने का काम भी तकनीकी पेंच में अटक गया है। क्वींस क्लब के ओपन स्पेस शर्त के चलते संशोधित प्लान की फाइल विभाग के डायरेक्टर तक जाकर रूक गई है। ऐसे में हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी फिर से सवालों के घेरे में हैं।

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सख्त लॉकडाउन के बीच रायपुर के क्वींस क्लब में जन्मदिन की नशीली पार्टी के कई महीने बीत चुके हैं। लेकिन हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी दोषी क्लब संचालक पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं। पिछले चार महीनों से बोर्ड के आला अधिकारी बस एक ही दलील दे रहे हैं कि इस मामले में वकील से कानूनी राय मांगी जा रही है। सवाल ये भी है कि हाउसिंग बोर्ड ने क्लब संचालन का अधिकार हरबक्श सिंह बत्रा की कंपनी एमिनेंट इंफ्रास्ट्रक्चर को कुछ शर्तों को साथ दिया था। लॉकडाउन के सख्त आदेश के बाद भी क्लब का खुलना, पार्टी होना, नशा परोसा जाना और फिर युवक-युवतियों के हंगामे के बीच गोली चलने की घटना। ये सब कांट्रैक्ट नियमों का खुलेआम उल्लंघन है। शंकरनगर कार्यालय से नियमों के उल्लंघन और उसमें होने वाली कार्रवाई की रिपोर्ट भी 28 अक्टूबर को ही बोर्ड मुख्यालय भेज दी गई थी. लेकिन कानूनी राय मांगने का पेंच फंसाकर कार्रवाई पर अघोषित रोक लगा दी गई।

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क्वींस क्लब से जुड़ा एक और मामला भी हाउसिंग बोर्ड के लिए सिरदर्द बनने जा रहा है। क्वींस क्लब संचालकों ने मनमानी कर पुरैना विधायक कॉलोनी का रास्ता रोक दिया था। मामला विधानसभा में गूंजा तो सरकार हरकत में आई और विधायक कॉलोनी से वीआईपी रोड तक जाने का रास्ता बनाने के लिए संशोधित प्लान टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को भेज दिया। लेकिन प्रस्तावित रोड की जगह क्लब की मार्जिन ओपन स्पेस में आने के चलते टेक्निकल पेंच में फंस गया। अब इस पर शासन स्तर पर ही फैसला होना है।

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ये दोनों मामले बताने के लिए काफी हैं कि छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड में ना तो सबकुछ नियम कानून से होता आया है, और ना ही नियम विरुद्ध काम करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। इसके चलते आम लोग तो दूर, जनप्रतिनिधियों को भी हलकान होना पड़ रहा है।

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