कल सीएम हाउस में मनाया जाएगा ‘पोरा-तीजा‘ तिहार, रइचुली-चकरी झूला और ठेठरी-खुरमी का रहेगा इंतजाम | Celebrate Pora Teeja Festival in CM House Tomorrow

कल सीएम हाउस में मनाया जाएगा ‘पोरा-तीजा‘ तिहार, रइचुली-चकरी झूला और ठेठरी-खुरमी का रहेगा इंतजाम

कल सीएम हाउस में मनाया जाएगा ‘पोरा-तीजा‘ तिहार, रइचुली-चकरी झूला और ठेठरी-खुरमी का रहेगा इंतजाम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : August 17, 2020/1:37 pm IST

रायपुर: हरेली की तरह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रायपुर स्थित निवास में पोरा -तीजा का तिहार 18 अगस्त को दोपहर 12 बजे से मनाया जाएगा। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोरा-तीजा तिहार के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री निवास में विशेष इंतजाम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री निवास परिसर में छत्तीसगढ़ की परम्परा और रीति-रिवाज के अनुसार साज-सज्जा की गई हैं। मुख्यमंत्री 18 अगस्त को दोपहर 12 बजे से पोला का कार्यक्रम होगा। इस मौके पर नांदिया-बैला की पूजा की जाएगी। तीजा महोत्सव का आयोजन होगा। पोरा -तीजा तिहार के लिए कार्यक्रम में बहनों को आमंत्रित किया गया है।

Read More: सुशांत सिंह राजपूत की थ्रोबैक फोटो वायरल, अंकिता लोखंडे के बॉयफ्रेंड के संग दिखा याराना

मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में एक सेल्फी जोन बनाया गया है, जहां नांदिया बैला के साथ लोग सेल्फी ले सकेंगे। कार्यक्रम में पोरा चुकी, शिवलिंग की पूजा की जाएगी। रइचुली झूला और चकरी झूला भी कार्यक्रम स्थल पर लगाया गया है। इन झूलों का लोग आनंद ले सकेंगे। कोविड -19 के प्रकोप को देखते हुए आयोजन में सीमित संख्या में लोगों को आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों से मास्क लगाकर आने तथा फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की गई है।

Read More: कोरोना पॉजिटिव होने पर सबसे पहले दिखेगा यह लक्षण, शोधकर्ताओं ने की संक्रमण के क्रम की पहचान, आप भी जानिए

छत्तीसगढ़ का पोरा-तिहार मूल रूप से खेती-किसानी से जुड़ा पर्व है। खेती किसानी में बैल और गौवंशीय पशुओं के महत्व को देखते हुए इस दिन उनके प्रति आभार प्रकट करने की परम्परा है। छत्तीसगढ़ के गांवों में बैलों को विशेष रूप से सजाया जाता है। उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। घरों में बच्चे मिट्टी से बने नंदीबैल और बर्तनों के खिलौनों से खेलते हैं। घरों में ठेठरी, खुरमी, गुड़-चीला, गुलगुल भजिया जैसे पकवान तैयार किए जाते हैं और उत्सव मनाया जाता है। बैलों की दौड़ भी इस अवसर पर आयोजित की जाती है।

Read More: जाने-माने शास्त्रीय संगीत गायक पंडित जसराज का निधन, अमेरिका के न्यू जर्सी में हुई मौत

छत्तीसगढ़ में तीजा (हरतालिका तीज) की विशिष्ट परम्परा है, महिलाएं तीजा मनाने ससुराल से मायके आती हैं। तीजा मनाने के लिए बेटियों को पिता या भाई ससुराल से लिवाकर लाते है। छत्तीसगढ़ में तीजा पर्व की इतना अधिक महत्व है कि बुजुर्ग महिलाएं भी इस खास मौके पर मायके आने के लिए उत्सुक रहती हैं। महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए तीजा पर्व के एक दिन पहले करू भात ग्रहण कर निर्जला व्रत रखती हैं। तीजा के दिन बालू से शिव लिंग बनाया जाता है, फूलों का फुलेरा बनाकर साज-सज्जा की जाती है और महिलाएं भजन-कीर्तन कर पूरी रात जागकर शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं।

Read More: इस बैंक के खाताधारक खाते से नहीं निकाल पाएंगे 1 लाख से ज्यादा रुपए, RBI ने बताई ये वजह