छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा पर आये दिन नक्सल गतिविधियाँ होती रहती है जिसे लेकर अब एक बड़ा फैसला किया गया है। नक्सल गतिविधियाँ को रोकने के लिए कल बालाघाट में हुई बैठक में नई रणनीति बनी है।ज्ञात हो की कल बालाघाट में ज्वाईंट बैठक हुई थी जिसमें आला अधिकारियों के अलावा बालाघाट मंडला कवर्धा राजनांदगाँव और गोंदिया के एसपी भी मौजुद थे। जिसके तहत मध्यप्रदेश के सरहदी इलाक़े डिंडौरी और बालाघाट में नक्सलियो की बढ़ती पैठ रोकने के लिए अब छत्तीसगढ़ पुलिस मिल कर कार्यवाही करेगी। अब दोनों प्रदेश के तरफ से नक्सलियो पर दबाव बढ़ा दिया गया है ।
आमतौर पर देखा जा रहा था कि राजनांदगाँव से लगे नक्सल प्रभावित जिलो में जब भी छत्तीसगढ पुलिस का दबाव बढ़ता है तो माओवादी मध्यप्रदेश के बालाघाट इलाक़ों में पहुँचते है जबकि मध्यप्रदेश से दबाव बनता है तो वे छत्तीसगढ पहुँचते हैं.
इस विषय पर जब डीजी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी से बात हुई तो उनका कहना था कि माओवादी दबाव के अनुरुप सुरक्षित ठौर की तलाश में मूव्हमेंट करते हैं, उन्हे घेरने के लिए ठोस रणनीति तय की गई है.
अब ज्वाईंट ऑपरेशन होंगे और फ़ोर्स का मुव्हमेंट बहुत तेज़ी से होगा,हम चूहों को उनके बिल में ही घेरकर मारेंगे। अपने घर को साफ रखना है तो जरुरी है पड़ोस में भी सफाई हो, स्वच्छता के इस अनिवार्य नियम का ही पालन बेहतर तरीक़े से हो इसकी कोशिश कर रहे हैं।
वेब टीम IBC24