रायपुर। छत्तीसगढ़ विधान सभा के बजट सत्र में के 16वें दिन शुक्रवार को प्रदेश में प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिये नियुक्त हुए विद्या मितान का मामला खूब गूंजा। इस मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जांच के आदेश दिये हैं। वही सामान्य वर्ग को 10 फीसदी आरक्षण को लागू करने को लेकर भी पक्ष-विपक्ष में नोंक-झोंक हुई। भूमि अधिग्रहण के मुद्दे और बिलासपुर-रायपुर मार्ग को लेकर भी सवाल गूंजे
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कांग्रेस विधायक वृहस्पत सिंह ने प्रदेश में आउट सोर्सिंग का मुद्दा उठाकर कार्यरत विद्या मितान में सदस्यों की जानकारी मांगी साथ ही उनका मानदेय भी पूछा। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह ने बताया कि प्रदेश में 2185 विद्या मितान कार्यरत है, उन्हें एजेंसी के माध्यम से 28000 हजार रुपए दिया जा रहा है। इस पर वृहस्पत सिंह ने कहा विद्या मितान को प्लेसमेंट एजेंसी 28 हजार लेकर महज 12 से 18 हजार तक दे रहें हैं।
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पूर्व इसपर सीएम अजित जोगी ने कहा कि इस मध्यस्थता को खत्म करनी चाहिए। जेसीसीजे विधायक धर्मजीत सिंह के मुताबिक आउट सोर्सिंग प्रदेश में पूरी तरह बंद होनी चाहिये। इसे पूर्ववर्ती सरकार की देन कहने पर विपक्ष ने खूब हंगामा किया। आसन्दी के आग्रह पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह बहुत गम्भीर मुद्दा है। प्लेसमेंट एजेंसी 28 हजार लेकर विद्या मितान को 12 से 15 हजार दे रहें हैं। सरकार पूरी प्रकरण की जांच कराकर जल्द फैसला लेने की बात कह रही है।