सरायपाली। छत्तीसगढ़ के चुनाव में खरसिया की सीट पर सबकी नज़र थी। जिसके पीछे की एक खास वजह यह थी कि एक तरफ कांग्रेस का गढ माने जाने वाले खरसिया में नंदकुमार पटेल के बेटे उमेश पटेल खड़े हुए थे तो दूसरी तरफ अपनी कलेक्टरी के लिए प्रसिद्ध ओपी चौधरी ने भाजपा से दांव खेला था। यही वजह थी कि खरसिया छग की हाईप्रोफाइल सीट में गिनी जाने लगी थी।मंगलवार को आये चुनाव के नतीजे ने यह साबित कर दिया कि खरसिया आज भी कांग्रेस का गढ़ है। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने अपने प्रतिद्वति पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी को 16967 मतो से पराजित किया है। बता दें कि खरसीया सीट झीरम घाटी हमले में दिवांगत हुये कांग्रेस नेता नंद कुमार पटेल की परपरांगत सीट रही है मौजूदा समय में नंद कुमार पटेल के बेटे उमेंश पटेल को ट्राप्प कांर्ड के रूप में इस्तमाल किया गया था जिसके बदले में भाजपा ने ओपी चौधरी को खरसिया से खड़े कराकर युवाओं को अपनी ओर खींचने की कोशिश की। लेकिन ओपी चौधरी का कलेक्टर पद से इस्तीफा देकर बड़ा नेता बनने का सपना धरा का धरा रह गया।
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अब जीत के बाद नवनिर्वाचित खरसीया विधायक उमेश पटेल रायपुर के लिए रवाना होते हुये सरायपाली पहुचकर राजमहल के निवास स्थान में कांग्रेस लोगो से मिलकर सभी लोगो का धन्यवार दिए। साथ हीअपनी जीत का श्रेय बड़े नेताओं,मतदाताओं एवं कार्यकर्ताओं के साथ साथ अपनी भाभी और माता जी को भी दिया साथ ही यह भी कहा कि इस बार का चुनाव वाकई टफ था क्योकि बार क्र चुनाव में प्रशासनिक धन बल एवं बाहुबल का बहुत अधिक उपयोग है। मुख्यमंत्री चुनाव के बारे में उनका कहना था कि मुख्यमंत्री का चुनाव हाईकमान तय करेगी जिसे हम सब को मानना होगा। मैने अपने जीत का श्रेय खरसीया के कांग्रेस मतदाताओं एवं घर से सभी मिलकर इस जीत को श्रेय देना चाहतें है।