रायपुर। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयों का यह दायित्व है कि वे विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के अलावा उनके चरित्र एवं व्यक्तित्व निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्हें संवेदनशील नागरिक बनाएं, उनमें सेवा भावना जागृत करें ताकि वे समाज में सकारात्मक एवं सक्रिय भागीदारी निभा सकें। राज्यपाल आनंदीबेन ने ये बातें मंगलवार को राजभवन में आयोजित कुलपतियों की बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को उत्कृष्ट विश्वविद्यालयों की श्रेणी में शामिल होने के लिए एक रोडमैप बनाना चाहिए। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों में एंटी रैंगिंग सेल और बालिकाओं के लिए लैंगिक शोषण प्रकोष्ठ भी बनाना चाहिए। सभी विश्वविद्यालयों में जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए एक निधि बनानी चाहिए, जिसे छात्र ही आपस में इकट्ठा करें।
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आनंदीबेन ने पीएचडी में होने वाले अनियमितताओं को रोकने के लिए उसके साक्षात्कार की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए पुस्तकालय उनकी सुविधानुसार देर तक खुले रहने चाहिए। राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को विश्वविद्यालयों के छात्रावासों में जाकर विद्यार्थियों की समस्याएं सुनने और उसके निराकरण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि स्थानीय उद्योगों से विश्वविद्यालयों को लिंकेज करना चाहिए, ताकि विद्यार्थियों को रोजगार मिल सके। बैठक में सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अपने विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सुरेंद्र कुमार जायसवाल, विधि सलाहकार एनके चन्द्रवंशी, विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष एके शुक्ला एवं राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे।
वेब डेस्क, IBC24
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