रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मियों संविलियन की घोषणा से भले ही राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन इसके प्रारूप को लेकर उनके मन में कई तरह की शंकाएं भी है। एक तरफ शिक्षाकर्मी नेताओं-मंत्रियों को संविलियन के फैसले के लिए धन्यवाद तो दे रहे हैं, साथ ही विसंगतिपूर्ण वेतनमान निर्धारण पर जोर दे रहे हैं। वे कैबिनेट की बैठक से पहले दबाव बना रहे हैं, ताकि वेतनमान में विसंगति को दूर कर लिया जाए। यही वजह है शिक्षाकर्मी मोर्चा ने हाईपावर कमेटी के ड्राफ्ट को सार्वजनिक करने की मांग की है।
शिक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री द्वारा किए गए संविलियन की घोषणा का स्वागत किया है, लेकिन संविलियन का ड्राफ्ट सार्वजनिक नहीं होने से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा और प्रदेश मीडिया प्रभारी ने सरकार से मांग की है कि संविलियन के ड्राफ्ट को सार्वजनिक किया जाए जिससे कि उसका अध्ययन कर यदि उसमें कोई विसंगति व्याप्त हो तो उसे अवगत करा कर कैबिनेट में निर्णय के पूर्व ही सुधार कर लिया जाए।
ये भी पढ़ें- माओवादियों के मांद में घुसकर मुंहतोड़ जवाब, 16 नक्सली गिरफ्तार
उनकी दलील है कि मध्यप्रदेश में संविलियन की घोषणा के बाद वहां के अध्यापक भी खुश थे, लेकिन ड्राफ्ट सार्वजनिक होने के बाद उसमें कई प्रकार की विसंगतियां देखी गई और वे फिर से असंतुष्ट हो गए। शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के पदाधिकारियों ने संविलियन प्रारूप को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कई सवाल उठाए हैं। उनका पूछा है कि प्रदेश के एक लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया जा रहा है। भूतलक्षी प्रभाव से क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ मिलेगा और वर्ग 3 के समानुपातिक वेतनमान के अंतर को समाप्त कर लिया गया है। इसी तरह ड्राफ्ट में शिक्षा विभाग और आदिम जाति विभाग के मूल पद सहायक शिक्षक शिक्षक एवं व्याख्याता के पद में ही संविलियन और सातवें वेतनमान की व्यवस्था जनवरी 2016 से लागू करने का प्रावधान किया गया है अथवा नहीं।
इन तमाम सवालों के बीच शिक्षाकर्मी मेल मुलाकात और धन्यवाद ज्ञापित करने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा के नेतृत्व में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धरम लाल कौशिक से बिलासपुर के परसदा स्थित उनके निवास में मुलाकात की। इस दौरान भी शिक्षाकर्मियों ने समतुल्य वेतनमान निर्धारण की विसंगतियों को दूर करते हुए समानुपातिक,क्रमोन्नति के आधार पर छठवें (समतुल्य/पुनरीक्षित) वेतनमान पर सातवें वेतनमान के निर्धारण का लाभ देते हुए प्रदेश के समस्त शिक्षा कर्मियों का व्याख्याता, शिक्षक एवं सहायक शिक्षक के पद पर त्रुटि रहित संविलियन करने आवश्यक पहल करने का आग्रह किया।
ये भी पढ़ें-‘बापू की कुटिया’ की छत गिरी, 6 माह पहले सीएम ने किया था लोकार्पण
इस दौरान प्रदेश उपसंचालक मनोज सनाढय, प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक दुबे बिलासपुर जिला संचालक संतोष सिंह जिला उप संचालक मोनीष कौशिक, गंगेश्वर उइके, सुभाष त्रिपाठी निर्मल कौशिक, आलोक दुबे, जय कौशिक, कौस्तुभ पांडेय प्रणव तिवारी, योगेश पांडेय, प्रदीप निर्णजक, सुमीत शर्मा आदि उपस्थित थे।
वेब डेस्क, IBC24