संविलियन से चूके शिक्षाकर्मियों की नाराजगी पड़ सकती है भारी, आंदोलन की तैयारी | CG Shikshakarmi:

संविलियन से चूके शिक्षाकर्मियों की नाराजगी पड़ सकती है भारी, आंदोलन की तैयारी

संविलियन से चूके शिक्षाकर्मियों की नाराजगी पड़ सकती है भारी, आंदोलन की तैयारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : July 23, 2018/9:00 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनाव से शिक्षाकर्मियों का संविलियन का फैसला कर बड़ा दांव खेला है, लेकिन 8 साल से कम सेवा वाले करीब 48 शिक्षाकर्मी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में है। इसमें शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के शिक्षक ज्यादा हैं। वेतन विसंगति, सातवां वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर वर्ग तीन के शिक्षाकर्मियों ने मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष सहित स्कूल शिक्षा मंत्री और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री के बंगले घेरने की चेतावनी दी है।

छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालक चंद्रदेव राय और विकास राजपूत ने सरकार पर सीधा निशाना साधा है। वे अपनी नाराजगी प्रदर्शित करने के लिए मुख्यमंत्री और मंत्रियों के घर पहुंचकर प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। इसके बाद अगस्त क्रांति के नाम से बड़ा आंदोलन भी किया जाएगा।

उधर शिक्षाकर्मियों की बैठक में वीरेंद्र दुबे ने कहा कि- शालेय शिक्षाकर्मी संघ इन मुद्दों को लेकर गम्भीरता से सार्थक प्रयास में जुटा हुआ है परंतु सफलता तभी सम्भव है जब मोर्चा की तरह एकजुटता से इन मांगों की पूर्ति के लिए प्रयास किया जाए। इसलिए अब हमारे लिए इन मांगों की पूर्ति के लिए एकजुटता सबसे पहले आवश्यक तत्व है, जिसके लिए हम पूरा प्रयास करेंगे और सबके साथ पुन: बैठकर रणनीति तय करेंगे।

बैठक को संबोधित करते हुए प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा ने संविलियन के संदर्भ में सभा की जिज्ञासाओं को शांत किया। वहीं संघ के संस्थापक सदस्य व दुर्ग जिलाध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी ने संविलियन के लिए किए गए संघर्षों की जानकारी दी। प्रांतीय उपाध्यक्ष विष्णु शर्मा ने 1995 से संविलियन की लड़ाई और बलिदान को रेखांकित करते हुए बताया कि संविलियन अपने आप में ऐतिहासिक निर्णय है। हमें इस पर कोई आंच नहीं आने देना चाहिए। प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेन्द्र शर्मा ने सोशल मीडिया के नफा-नुकसान को बताते हुए कहा कि- प्रदेश में अफवाहों का बाज़ार गर्म है, अत: सचेत रहकर अच्छे लोगों को अच्छे कार्यों के समर्थन के लिए आगे आना चाहिए तभी ऐसी नकारात्मक शक्तियां खत्म होंगी।

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आंदोलन की शुरुआत 28 जुलाई को राजनांदगांव से की जाएगी। वहां वे मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे। आठ साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षाकर्मियों के संविलियन के संविलियन से करीब 1 लाख 2 हजार शिक्षाकर्मियों को लाभ मिल रहा है। शेष करीब 48 हजार शिक्षाकर्मी इसके लाभ से वंचित है। हालांकि सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि शेष बचे शिक्षाकर्मियों का चरणबद्ध तरीके से संविलियन कर दिया जाएगा। 

शिक्षाकर्मी मोर्चा ने 28 जुलाई को राजनांदगांव में मुख्यमंत्री, 31 जुलाई को कसडोल (पल्लरी) में विधानसभा अध्यक्ष, 3 अगस्त को कुरुद में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, 6 अगस्त को बस्तर में स्कूल शिक्षा मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इसके बाद 9 अगस्त को रायपुर में अगस्त क्रांति आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।

शिक्षाकर्मियों की बैठक में प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य घनश्याम पटेल, कृष्णराज पांडेय,विक्रम राजपूत सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये हुए बड़ी संख्या में शिक्षाकर्मीगण जिनमें विजय तिवारी (बिलासपुर), दिनेश चौहान, दीप्ति पटेल (बेमेतरा), मौसमी शर्मा, भावना शर्मा (रायपुर), शुभ्रा चक्रवर्ती, रमा अग्निहोत्री (बालोद), प्रीति सिन्हा, डोमेन्द्र वर्मा (दुर्ग), प्रकाश शर्मा, मोरध्वज (सूरजपुर), हेम यादव, हरि साहू (गरियाबंद) गणेश शर्मा (कोटा) सहित अनुकम्पा वाले परिवारजन सम्मलित हुए।

वेब डेस्कIBC24

 
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