महासम्मेलन पर मोर्चा ने फेरा पानी, शामिल होने से इंकार, संविलियन के लिए मोर्चा के सुझाव | CG Sikshakarmi:

महासम्मेलन पर मोर्चा ने फेरा पानी, शामिल होने से इंकार, संविलियन के लिए मोर्चा के सुझाव

महासम्मेलन पर मोर्चा ने फेरा पानी, शामिल होने से इंकार, संविलियन के लिए मोर्चा के सुझाव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:46 PM IST, Published Date : April 29, 2018/4:36 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के महा सम्मेलन पर शिक्षाकर्मी मोर्चा ने पानी फेर दिया है। मोर्चा के संचालक वीरेंद्र दुबे ने कहा कि वे मोर्चा के अलावा किसी और संगठन के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। इस आशय का फैसला मोर्चा संचालकों की बैठक में पहले ही लिया जा चुका है। मोर्चा के पदाधिकारी एक मई को होने वाले हाईपावर कमेटी के रूख को देखने के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे। 

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उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शिक्षक महासंघ के पदाधिकारियों ने रविवार को सीएम डॉ रमन सिंह से मुलाकात की थी। महासंघ पदाधिकारियों का दावा है कि संविलियन सहित अन्य मांगों पर सकरात्मक बातचीत हुई है। जून के दूसरे सप्ताह में महासम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, लेकिन शिक्षाकर्मी मोर्चा ने इससे अलग कर लिया है। संचालक वीरेन्द्र दुबे ने कहा कि कोई भी संघ अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने के लिए स्वतंत्र है। शिक्षक मोर्चा किसी अन्य बैनर के तले नही इकट्ठा नहीं होगा। उनका कहना है कि शिक्षाकर्मियों के सम्मान और अधिकार के लिए आवाज उठाई थी और आंदोलन किया था। महासंघ के साथ देने की बात पर वीरेंद्र दुबे ने कहा 1 मई के बाद मोर्चा सरकार का रुख देखेगा, उसके बाद शिक्षक हितों को देखते हुए नीतिगत निर्णय लिया जाएगा। शिक्षकों के अधिकारों के लिए महासंघ शिक्षक मोर्चा से मिलना चाहता है तो इसमें कोई समस्या नहीं है। 

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उधर, मोर्चा के उप संचालक बसंत चतुर्वेदी ने राजस्थान फार्मूले पर तथ्य रखे हैं। उन्होंने कहा है कि राजस्थान में पंचायत के शिक्षकों का शिक्षा विभाग में संविलियन का प्रावधान है। वहां संविलियन पर संवैधानिक बाधा नहीं है।  क्रमोन्नति के लिए अलग अलग नियम हैं। 9, 18 और 27 साल में क्रमोन्नति दी जाती है। उन्होंने बताया कि प्रारम्भिक शिक्षा के अंतर्गत कार्यरत स्नातक तथा बीएड प्रशिक्षित कर्मचारियों को पदोन्नति मिलने पर माध्यमिक शाला  9 वीं से 10 वीं के शिक्षक के रूप में शिक्षा विभाग में जाकर शासकीय कर्मचारी बनने का सीमित अवसर हैं। इसके अलावा प्रारम्भिक शिक्षा के अंतर्गत कार्यरत सहायक शिक्षक पंचायत को दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि के पश्चात नियमित शासकीय सहायक शिक्षक के पद पर पद रिक्त के आधार पर संविलियन किया जाता है और शासकीय शिक्षकों के समान पूरी सुविधा व वेतनमान प्रदान किया जाता है। राजस्थान में वर्ग तीन के शिक्षाकर्मियों के लिए दो अवसर हैं। 

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उन्होंने मांग की है कि राजस्थान में केवल प्राथमिक शिक्षा के तहत कार्यरत वर्ग तीन है। अतः वर्ग तीन को सहायक शिक्षक के पद पर संविलियन का प्रावधान है। छत्तीसगढ़ में वर्ग एक, दो और तीन  तीनो संवर्ग पंचायत में है अतः यहाँ तीनो संवर्ग के लिए संविलियन की नीति बनाया जाए। छत्तीसगढ़ में शिक्षाकर्मियो की भर्ती ही शिक्षकों के रिक्त पद के विरुद्ध हुई है, अतः शिक्षाकर्मी जिस पद पर कार्यरत है उन्हें उसी पद पर संविलियन किया जाना चाहिए।

 

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वेब डेस्क IBC 24

 
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