चंद्रयान-2 लॉन्चिंग के लिए तैयार, अब 22 जुलाई दोपहर 2.43 मिनट पर किया जाएगा लॉन्च | Chandrayaan-2 launch, which was called off due to a technical snag on July 15, 2019, is now rescheduled at 2:43 pm IST on July 22

चंद्रयान-2 लॉन्चिंग के लिए तैयार, अब 22 जुलाई दोपहर 2.43 मिनट पर किया जाएगा लॉन्च

चंद्रयान-2 लॉन्चिंग के लिए तैयार, अब 22 जुलाई दोपहर 2.43 मिनट पर किया जाएगा लॉन्च

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : July 18, 2019/5:35 am IST

नई दिल्ली। मिशन चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग अब 22 जुलाई 2019 को दोपहर 2.43 मिनट पर की जाएगी। पहले 15 जुलाई को इसकी लॉन्चिंग रखी गई थी। लेकिन लॉन्चिंग से ठीक कुछ घंटे पहले विमान में तकनीकी खराबी आने के कारण मिशन पर रोक लगा दी गई थी। विमान की फिर से टेस्टिंग के बाद अब इसे 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया जाएगा। आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई दोपहर 2.43 मिनट पर चंद्रयान-2 लॉन्च किया जाएगा। 

जानिए मिशन चंद्रयान-2 का सफर कैेसा रहेगा

भारत के सबसे शक्तिशाली रॉकेट जीएसएलवी एमके-3 के जरिए लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा में पहुंचेगा। 16 दिनों तक यह पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चांद की तरफ बढ़ेगा। इस दौरान चंद्रयान की अधिकतम गति 10 किलोमीटर/प्रति सेकंड और न्यूनतम गति 3 किलोमीटर/प्रति घंटे होगी

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चंद्रयान-2 पृथ्वी की कक्षा में चक्कर लगाने के 16 दिनों बाद पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलेगा। पृथ्वी के कक्ष से बाहर निकलत ही चंद्रयान-2 से रॉकेट अलग हो जाएगा। इसके पांच दिनों बाद चंद्रयान-2 चंद्रमा की कक्षा में पहुंचेगा। इस दौरान उसकी गति 10 किलोमीटर प्रति सेकंड और चार किलोमीटर प्रति सेकंड होगी। चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में पहुंचते ही उसके गोल चक्कर लगाते हुए उसकी सतह की और आगे बढ़ेगा। चंद्रमा की कक्षा में 27 दिनों तक चक्कर लगाते हुए चंद्रयान सतह के करीब पहंचेगा। उसकी अधिकतम गति उस समय 10 किलोमीटर/प्रति सेकंड और न्यूनतम स्पीड एक किलोमीटर/सेकंड रहेगा।

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चांद की सतह के नजदीक पहुंचने के बाद चंद्रयान चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर उतरेगा। लेकिन इस प्रक्रिया में 4 दिन लगेंगे। चांद की सतह के नजदीक पहुंचने पर लैंडर (विक्रम) अपनी कक्षा बदलेगा। फिर वह सतह की उस जगह को स्कैन करेगा जहां उसे उतरना है। लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और आखिर में चांद की सतह पर उतर जाएगा। चांद की सतह पर लैंडिंग के बाद लैंडर का डोर खुलेगा और रोवर को सतह पर छोड़ेगा। रोवर के निकलमें करीब चार घंटे का वक्त लगेगा। फिर यह वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए चांद की सतह पर निकल जाएगा। इसके ठीक 15 मिनट बाद इसरो लैंडिंग की तस्वीरें देना शुरू कर देगा।

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इस तरह चंद्रयान-2 अपने अलग-अलग प्रकियाओं को पूरा करते हुए 52 दिनों बाद चांद की सतह पर पहुंचेगा। चांद की सतह में लैंडर और रोवर 14 दिनों तक एक्टिव रहेंगे। चांद की सतह पर रोवर एक सेंटीमीटर/सेकंड की गति से चलेगा। रोवर सतह के तत्वों का परीक्षण कर तस्वीरें भेजेगा। रोवर 14 दिनों में कुल 500 मीटर कवर करेगा। वहीं ऑर्बिटर चंद्रमा में एक साल तक एक्टिव रहेगा। वह चंद्रमा की कक्षा में 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर उसकी परिक्रमा करता रहेगा।

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