प्रख्यात कलाकार खुमान साव के निधन पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने जताया शोक | Charandas mahant Mourning to death of Khuman sao

प्रख्यात कलाकार खुमान साव के निधन पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने जताया शोक

प्रख्यात कलाकार खुमान साव के निधन पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने जताया शोक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : June 9, 2019/1:57 pm IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ी लोक संगीत की देश दुनिया में पहचान बनाने वाले प्रसिद्ध संगीतकार खुमान साव का रविवार सुबह निधन हो गया। उन्होंने अपने पैतृक गांव ठेकुआ में 90 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। खुमान साव के निधन पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने शोक व्यक्त किया है। महंत ने साव के निधन को छत्तीसगढ़ी कला जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताया। साथ ही उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।

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महंत ने आगे कहा कि संगीत नाटक अकादमी सम्मान से विभूषित खुमान साव के दम पर चंदैनी गोंदा ने चारों और यश का डंका बजाया। छत्तीसगढ के बिखरे और अ-व्यवस्थित गीत-संगीत को सुनने योग्य प्रयासरत रहे, जिससे उनकी भी संगीत जगत में राष्ट्रीय पहचान बन सके, इस उद्देश्य के साथ लगभग 500 छत्तीसगढ़ी लोक गीतों की रचना की।

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खुमान साव ने चंदैनी-गोंदा लोक सांस्कृतिक दल के माध्यम से 1970 से लगातार आज तक सम्पूर्ण भारत में 5000 से भी अधिक मंचीय कार्यक्रम प्रस्तुती और जन-जन में रची-बसी छतीसगढ़ की सर्वप्रथम लोक सांस्कृतिक संस्था होने का गौरव, सम्प्रति 50 लोक कलाकारों के दल का संचालन भी कर चुके है।

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साव छत्तीसगढ़ी लोक संगीत की सबसे बड़ी पहचान हैं। संम्पन्न परिवार में जन्मे खुमान साव को संगीत से उत्कट प्रेम था और वे किशोरवस्था में ही छत्तीसगढ़ी नाचा के पुरोधा दाऊ मंदराजी की ‘रवेली नाचा पार्टी’ में शामिल हो गए थे। उन्होंने बाद में राजनांदगांव में आर्केस्ट्रा की शुरुआत की और कई संगीत समितियों की स्थापना की थी। छत्तीसगढ़ी पारंपरिक लोक गीतों के अलावा श्री साव ने छत्तीसगढ़ के स्वनाम धन्य कवियों द्वारिका प्रसाद तिवारी ‘विप्र’, स्व. प्यारे लाल गुप्त, स्व. हरि ठाकुर, स्व. हेमनाथ यदु, पं. रविशंकर शुक्ल, लक्ष्मण मस्तुरिया, पवन दीवान एवं मुकुंद कौशल के गीतों को संगीतबद्ध कर उसे जन जन का कंठहार बना दिया।

 
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