दुर्ग। देश में एफडीआई व ऑनलाइन व्यापार के विरोध में जिले के दवा विक्रेता संघ ने भी मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। सरकार की नीतियों के बाद ऑनलाइन दवा विक्रय होने से उनके व्यापार को बहुत बड़ा नुकसान होगा वही बिना डॉक्टर की पर्ची से भी दवाओं का विक्रय होगा जिससे नशा व दवाओं अन्य दुरूपयोग जैसी बात सामने आएंगी वही आनलाइन में मिलने वाली दवाएं सस्ती होने के साथ उसकी क़्वालिटी खराब होने से लोगो को नुकसान हो सकता है, जबकि दवा व्यापारी को सरकार के कई नियम व कायदे झेलने पड़ते है।
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इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए व्यपारियों ने अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि ऑनलाइन व्यापार करने वाली कंपनी को छूट दी जा रही है इन्ही सब बातों के चलते दवा विक्रेता संगठन ने यह निर्णय लिया है। कि 28 सितम्बर को एक दिवसीय दवा व्यवसाय बंद रहेगा।
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ज्ञात हो कि दवा व्यापर संघ के सभी सदस्य सरकार की नीतियों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन करने का एक अलग ही तरीका अपनाया हुआ है उनके सदस्यों के द्वारा अपनी दुकानों पर काली पट्टी लगाकर व्यापार किया जा रहा है वही एक दिवसीय दवा व्यवसाय बंद कर वे सरकार को एक संदेश देना चाहते है कि जल्द ही नियमो में बदलाव नही किया गया तो ऑल इंडिया दवा संघ भविष्य में बड़ा कदम उठा सकता है। 28 तारीख को पूरे बंद के दौरान आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजो की मदद के लिए दवा संघ ने कुछ हेल्प लाइन नंबर भी जारी किए है जिससे जीवनरक्षक दवाओं की आवश्यकता पड़ने पर मरीजो की जान से कोई खिलवाड़ न हो। बहरहाल दवा विक्रेताओं के इस बंद के बाद देखना होगा कि सरकार क्या इनके प्रति कोई नरम रवैया अपनाकर नियम कानून में बदलाव लाएगी या फिर भविष्य में दवा विक्रेताओं को एफडीआई के साथ संघर्ष जारी रखकर अपने व्यवसाय को करना होगा।
वेब डेस्क IBC24
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