छत्तीसगढ़ में 'छत्तीस' उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद, बूढ़े हों या जवान, या फिर दिव्यांग, सभी ने किया मतदान | Chhattisgarh candidates' fate in the EVM imprisonment, old age or youth, or divyang, everyone did the polling

छत्तीसगढ़ में ‘छत्तीस’ उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद, बूढ़े हों या जवान, या फिर दिव्यांग, सभी ने किया मतदान

छत्तीसगढ़ में 'छत्तीस' उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद, बूढ़े हों या जवान, या फिर दिव्यांग, सभी ने किया मतदान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : April 19, 2019/2:54 am IST

रायपुर। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में छत्तीसगढ़ समेत देश के 12 राज्यों की 95 सीटों पर वोट डाले गए। प्रदेश की तीन सीटों महासमुंद, राजनांदगांव और कांकेर लोकसभा सीट के लिए हुए चुनाव में कुल 36 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में लॉक हो गई। लोकतंत्र के उत्सव में जब जनता जनादेश देने के लिए अपने घरों की देहरी लांघकर निकली। कड़ी धूप में कतार में खड़ी हुई और दिल्ली तक अपनी आवाज पहुंचाने अपने सांसद का चुनाव किया। दूसरे चरण में छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव, कांकेर और महासमुंद सीट के लिए मतदान हुआ। तीनों संसदीय क्षेत्र के 6 हजार 484 मतदान केन्दों में सुबह से शाम तक जमकर वोटिंग हुई। 36 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद हो गई।

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कांकेर से कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर ने अपने गृह ग्राम कोरर के मॉडल स्कूल में कतार में लगकर वोट डाला। वहीं भाजपा प्रत्याशी मोहन मंडावी परिवार के साथ वोट डालने पहुंचे। राजनांदगांव के कांग्रेस प्रत्याशी भोलाराम साहू ने भी मतदान किया। वहीं भाजपा के प्रत्याशी संतोष पांडेय ने कवर्धा जिले के लोहारा के सरकारी स्कूल में परिवार के साथ वोट डाला। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने परिवार के साथ कवर्धा में वोट डाला। सांसद चंदूलाल साहू ने राजिम में, विमल चोपड़ा और पूनम चंद्राकर ने महासमुंद में मतदान किया। प्रदेश सरकार की मंत्री अनिला भेड़िया के अलावा कांकेर में कांग्रेस विधायक शिशुपाल सोरी, अंतागढ़ से कांग्रेस विधायक अनूप नाग और सराईपाली विधायक किस्मतलाल नंद ने भी वोट डाला। कवर्धा में कलेक्टर अवनीश शरण और एसपी लाल उमेद सिंह भी कतार में लगकर वोट डालने पहुंचे।

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चुनावी मौसम के साथ शादियों का भी सीजन है। लिहाजा छत्तीसगढ़ के करीब-करीब हर दूसरे शहर में वेडिंग डे भी था। यही वजह है कि दूल्हा-दुल्हन शादी के सात फेरों से पहले या फिर तुरंत बाद मतदान करने पहुंचे। कुछ हाथों में मेहंदी लगाए तो कुछ आधी रस्मों को बीच में छोड़कर वोट डालने पहुंचे। कोंडागांव, राजनांदगांव, बालोद, कांकेर, कवर्धा और डोंगरगढ़ में दूल्हा-दुल्हनों ने शादी के जोड़े में पहुंचकर मेहंदी लगे हाथों से EVM का बटन दबाया।

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चाहे बूढ़े हों या जवान, या फिर दिव्यांग। लोकतंत्र के उत्सव में छत्तीसगढ़ के तीनों लोकसभा सीटों में सभी ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया। कवर्धा, गरियाबंद और राजनांदगांव में दिव्यांगों ने वोट देकर देश के लोकतंत्र को मजबूत करने की बात कही। हालांकि सुबह मतदान शुरू होते ही कई पोलिंग बूथ में EVM खराब होने की वजह से मतदान रुका रहा। कांकेर के कंकालिन पारा वार्ड का EVM खराब हुआ, वहीं धमतरी जिले में 6 से ज्यादा मतदान केंद्रों का EVM खराब निकला।

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लेकिन बाद में EVM ठीक करने के बाद वोटिंग शुरू हो गई। वहीं गरियाबंद जिले के आठ गांवों के लोगों ने वोट नहीं डाला। लिहाजा 6 मतदान केंद्रों में वोटिंग ही नहीं हुई। नक्सल प्रभावित राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के मोहला-मानपुर और कांकेर लोकसभा क्षेत्र के अन्तागढ़, भानुप्रतापपुर, केशकाल और कांकेर विधानसभा क्षेत्रों में ड्रोन और हेलीकाप्टर से निगरानी रखी गई। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर सभी जगहों पर दूसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण रहा।

 
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