रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में अतिरिक्त चावल से एथेनॉल उत्पादन करने की अनुमति देने के संबंध में केन्द्र सराकर से आग्रह किया था। मुख्यमंत्री के आग्रह पर राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति की 24 अप्रैल 2020 की बैठक में भारतीय खाद्य निगम में उपलब्ध सरप्लस चावल से एथेनॉल उत्पादन करने की अनुमति प्रदान की गई है। इसी परिप्रेक्ष में प्रदेश के खाद्य सचिव ने भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव को पत्र लिख कर छत्तीसगढ़ में अतिशेष 4 लाख मिट्रिक टन चावल से एथेनॉल बनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।
केन्द्रीय सचिव को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर 83 लाख 94 हजार मिट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। इसमें से बनाए गए कुल चावल से केन्द्रीय पूल एवं राज्य पूल में राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आवश्यक मात्रा तथा 28.1 लाख मिट्रिक चावल केंद्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को देने के बाद राज्य में लगभग 4 लाख मिट्रिक टन चावल अधिशेष रहेगा।
इस अधिशेष चावल के लम्बे समय तक भण्डारित रहने के कारण खाद्यान्न की गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका है। ऐसी स्थिति में कोरोना वायरस महामारी की नियंत्रण के लिए डिस्टलरी से एथेनॉल आधारित सैनिटाइजर एवं ईबीपी कार्यक्रम के तहत अतिरिक्त 4 लाख मिट्रिक टन चावल को एथेनॉल बनाने वाले प्लांट को आपूर्ति की जा सकती है। खाद्यान्न से एथेनॉल बनाने वाले प्लांटों की स्थापना के संबंध में राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 से इस संबंध में आवश्यक प्रावधान किए गए हैं। खाद्य सचिव ने छत्तीसगढ़ राज्य को लगभग 4 लाख मिट्रिक टन चावल से एथेनॉल बनाने की शीघ्र अनुमति देने का अनुरोध किया है।
Lok Sabha Opinion Poll 2024 : लोकसभा चुनाव के बड़े…
17 hours agoपति बना हैवान… पत्नी पर किया जानलेवा हमला, शरीर का…
20 hours ago