छत्तीसगढ़ सरकार धान से बॉयो-एथेनॉल उत्पादन को कर रही प्रोत्साहित, नीति आयोग को लिखा पत्र | Chhattisgarh government encourages bio-ethanol production from paddy, letter written to NITI Aayog

छत्तीसगढ़ सरकार धान से बॉयो-एथेनॉल उत्पादन को कर रही प्रोत्साहित, नीति आयोग को लिखा पत्र

छत्तीसगढ़ सरकार धान से बॉयो-एथेनॉल उत्पादन को कर रही प्रोत्साहित, नीति आयोग को लिखा पत्र

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : January 10, 2020/9:06 am IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में उपार्जित अतिरिक्त धान से निर्मित बॉयो-एथेनॉल की बिक्री को प्रोत्साहित करने इसका विक्रय मूल्य आकर्षक रखने के लिए नीति आयोग को पत्र लिखा है। उन्होंने बॉयो-एथेनॉल बनाने कृषि मंत्रालय से हर वर्ष मंजूरी लेने की बाध्यता को भी समाप्त करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के किसानों के हित में इन दोनों बिंदुओं पर नीति आयोग को भारत सरकार के स्तर पर शीघ्र पहल करने का अनुरोध किया है।

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मुख्यमंत्री ने नीति आयोग को लिखे पत्र में कहा है कि राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति-2018 और छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति के तहत राज्य में उपार्जित अतिरिक्त धान से बॉयो-एथेनॉल संयंत्रों की स्थापना को प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया गया है। राज्य में बॉयो-एथेनॉल संयंत्रों की स्थापना के लिए उद्योग विभाग द्वारा निजी निवेश आमंत्रित किया जा रहा है। निजी निवेश को आकर्षित करने बॉयो-एथेनॉल के विक्रय मूल्य का आकर्षक होना और इसके उत्पादन के लिए सालाना मंजूरी पर शीघ्र निर्णय लिया जाना आवश्यक है।

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मुख्यमंत्री बघेल ने राज्य में लगने वाले संयंत्रों से उत्पादित बॉयो-एथेनॉल के विक्रय को प्रोत्साहित करने धान से निर्मित बॉयो-एथेनॉल की कीमत आकर्षक रखने का सुझाव दिया है। पत्र में उन्होंने बताया है कि धान से निर्मित बॉयो-एथेनॉल की दर शीरा, शक्कर एवं शुगर सिरप से उत्पादित एथेनॉल की दर के बराबर रखने उन्होंने केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री से भी अनुरोध किया है। राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति-2018 के अनुसार धान से बॉयो-एथेनॉल निर्माण के लिए कृषि मंत्रालय से हर वर्ष अनुमति प्राप्त करने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने इसे अव्यवहारिक बताते हुए हर वर्ष अनुमति लेने की बाध्यता को समाप्त करने का आग्रह किया है।

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