छत्तीसगढ़ सरकार का फैसला, अब विधानसभा के हर सत्र में गाया जाएगा राज्यगीत | Chhattisgarh govt has decided that before commencement of every session of assembly

छत्तीसगढ़ सरकार का फैसला, अब विधानसभा के हर सत्र में गाया जाएगा राज्यगीत

छत्तीसगढ़ सरकार का फैसला, अब विधानसभा के हर सत्र में गाया जाएगा राज्यगीत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:38 PM IST, Published Date : November 22, 2019/4:50 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के हर सत्र के शुरू होने से पहले अब सदन में राज्य गीत गाया जाएगा। इसकी घोषणा आज राज्य सरकार ने की है।

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बता दें ​कि छत्तीसगढ़ सरकार ने हाल ही में 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के दिन अरपा पइरी के धार, महानदी हे अपार, गीत को राज्यगीत का ऐलान किया। इसकी अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र 18 नवम्बर 2019 में प्रकाशित कर दी गई है। अधिसूचना के प्रकाशन के साथ ही राज्यगीत प्रभावशील हो गया है। यह गीत डा. नरेन्द्र देव वर्मा के द्वारा लिखा गया है।

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बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का चौथा और शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होगा। 6 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में कुल 10 बैठकें होंगी। इस सत्र में वित्तीय कार्य के साथ अन्य शासकीय कार्य संपादित किए जाएंगे। सत्र के दौरान धान खरीदी का मुद्दा गरमाने के आसार हैं। इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हो सकती है।

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डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी गीत जिसे छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य गीत घोषित किया है, निम्नानुसार है..

‘‘अरपा पइरी के धार महानदी हे अपार,
इन्द्राबती ह पखारय तोर पइँँया ।
महूँ पाँव परँव तोर भुइँया,
जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।।
सोहय बिन्दिया सही घाते डोंगरी, पहार
चन्दा सुरूज बने तोर नयना,
सोनहा धाने के संग, लुगरा के हरिहर रंग
तोर बोली जइसे सुघर मइना।
अँचरा तोरे डोलावय पुरवइया ।।
( महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।। )
रइगढ़ हाबय सुघर तोरे मँउरे मुकुट
सरगुजा (अऊ) बेलासपुर हे बहियाँ,
रइपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फभय
दुरूग, बस्तर सोहय पयजनियाँ,
नाँदगाँवे नवा करधनियाँ
( महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो जय हो छत्तिसगढ़ मइया ।। )