छत्तीसगढ़ लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को सुविधाएं देने के मामले में रहा अव्वल, 97.80% प्रवासी मजदूरों को मिला राशन | Chhattisgarh topped in providing facilities to migrant workers during lockdown

छत्तीसगढ़ लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को सुविधाएं देने के मामले में रहा अव्वल, 97.80% प्रवासी मजदूरों को मिला राशन

छत्तीसगढ़ लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को सुविधाएं देने के मामले में रहा अव्वल, 97.80% प्रवासी मजदूरों को मिला राशन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:00 PM IST, Published Date : October 17, 2020/6:31 am IST

रायपुर। लॉकडाउन के दौरान लौटे प्रवासी श्रमिकों को सुविधाएं देने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल राज्य रहा है। यह निष्कर्ष इंटरफेरेंशियल सर्वे स्टेटिक्स एण्ड रिसर्च फाउंडेशन (आईएसएसआरएफ) द्वारा किए गए सर्वे में सामने आया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य में प्रवासी श्रमिकों को विभिन्न प्रकार की सुविधा देने के लिए तेजी से कदम उठाए और अनेक श्रमिक हितैषी निर्णय लिए गए।

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इंटरफेरेंशियल सर्वे स्टेटिक्स एण्ड रिसर्च फाउंडेशन ने देश के छह प्रमुख प्रवासी श्रमिकों की वापसी वाले राज्यों छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सर्वे किया। जो लॉकडाउन के दौरान प्रवासी श्रमिकों को उपलब्ध कराई गई आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित विभिन्न बुनियादी सुविधाओं पर केन्द्रित रहा।

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छत्तीसगढ़ में लौटे शत-प्रतिशत प्रवासी श्रमिकों को क्वारेंटाईन की सुविधा उपलब्ध कराई गई, 97.80 प्रतिशत प्रवासी श्रमिकों को पात्रतानुसार निःशुल्क और रियायती दरों पर राशन दिया गया, इसी तरह श्रमिक परिवारों को एलपीजी कनेक्शन, नगद सहायता, कृषि और मनरेगा में रोजगार और कृषि ऋण जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। छत्तीसगढ़ श्रमिकों को निःशुल्क एलपीजी कनेक्शन देने के मामले में सर्वेक्षित राज्यों में पहले स्थान पर है।

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यह सर्वे बिलासपुर, दंतेवाड़ा, जशपुर, महासमुंद और राजनांदगांव की 99 ग्राम पंचायतों में किया गया। जिसमें पांच सौ से अधिक प्रवासी श्रमिकों को शामिल किया गया है। छत्तीसगढ़ में किए गए सर्वे में बिलासपुर जिले की 28, दंतेवाड़ा की 15, जशपुर की 20, महासमुंद की 19 और राजनांदगांव की 17 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इन ग्राम पंचायतों में 30 जून से 28 जुलाई के बीच सर्वेक्षण किया गया।

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सर्वे के अनुसार छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है। पहली श्रेणी में गैर कृषि कार्य में संलग्न श्रमिक, जो 52.98 प्रतिशत स्किल्ड हैं और दूसरी श्रेणी में आयरन और वेल्डिंग, फेब्रीकेशन कार्यों में 40.43 प्रतिशत स्किल्ड हैं। कुशल श्रमिकों में छत्तीसगढ़ का योगदान एक तिहाई है। छत्तीसगढ़ से 63.94 प्रतिशत श्रमिक कंस्ट्रक्शन, पाइंप कटिंग वर्क में स्किल्ड हैं।

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आईएसएसआरएफ द्वारा ‘ऑन माइग्रेन वर्कस‘ विषय पर किए गए सर्वे में शहरों से गांव में लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों पर लॉकडाउन के दौरान उनकी आजीविका और उनकी स्थित पर पड़ने वाले प्रभावों का छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के 34 जिलों में अध्ययन किया गया।

 
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