लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में अव्वल बना हुआ है छत्तीसगढ़, अब तक 29 करोड़ का संग्रहण | Chhattisgarh tops the country in collection of minor forest produce

लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में अव्वल बना हुआ है छत्तीसगढ़, अब तक 29 करोड़ का संग्रहण

लघु वनोपजों के संग्रहण में देश में अव्वल बना हुआ है छत्तीसगढ़, अब तक 29 करोड़ का संग्रहण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : July 5, 2020/5:08 pm IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और वन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य में लघु वनोपजों का संग्रहण जोरों पर है और चालू सीजन के दौरान अब तक देश के अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ लगातार अव्वल बना हुआ है। इसके परिणाम स्वरूप राज्य में लगभग 100 करोड़ रूपए की राशि के लघु वनोपजों के वार्षिक संग्रहण लक्ष्य को छह माह पहले ही हासिल कर लिया गया है, जो छत्तीसगढ़ के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

Read More: यात्रा शुरू होने से पहले सुरक्षा का जायजा लेने अमरनाथ गुफा और बालटाल का पहुंचे LG के सलाहकार और DGP

‘द ट्राइबल कोऑपरोटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (ट्राईफेड)’ द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 4 जुलाई तक की स्थिति में 104 करोड़ 74 लाख रूपए की राशि के 46 हजार 39 मीट्रिक टन लघु वनोपजों का संग्रहण हो चुका है, जो देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक है। इनमें 27 जून तक 76 करोड़ रूपए की राशि के 71 हजार 582 मीट्रिक टन लघु वनोपजों का संग्रहण हुआ था और चालू सप्ताह में ही 29 करोड़ रूपए की राशि के 14 हजार 458 मीट्रिक टन लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है।

Read More: प्रदेश में बीते 24 घंटे में मिले 326 नए कोरोना मरीज, 177 हुए स्वस्थ 10 लोगों ने तोड़ा दम, देखिए जिलेवार अपडेट आंकड़े

इसी तरह देश के अन्य राज्यों में अब तक लगभग 140 करोड़ रूपए की राशि के 64 हजार 963 मीट्रिक टन लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है। इनमें छत्तीसगढ़ के पश्चात् ओड़िशा में 28 करोड़ रूपए की राशि के 13 हजार 367 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 2 करोड़ 26 लाख रूपए के 4 हजार 769 मीट्रिक टन तथा गुजरात में एक करोड़ 73 लाख रूपए के 196 मीट्रिक टन लघु वनोपजों का संग्रहण हुआ है। इसी तरह मध्यप्रदेश में 82 लाख रूपए के 232 मीट्रिक टन, झारखण्ड में 61 लाख रूपए के 33 मीट्रिक टन, आन्ध्रप्रदेश में 53 लाख रूपए के 96 मीट्रिक टन तथा असम में 27 लाख रूपए के 47 मीट्रिक टन लघु वनोपजों का संग्रहण हुआ है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 26 लाख रूपए के 95 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 24 लाख रूपए के 11 मीट्रिक टन, महाराष्ट्र में 20 लाख रूपए के 71 मीट्रिक टन तथा राजस्थान में छह लाख रूपए की राशि के 6 मीट्रिक टन लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है।

Read More: डॉक्टर से मारपीट मामले में मंत्री सिंहदेव बोले- कार्रवाई होनी चाहिए, फिर चाहे वह पीएम का बेटा ही क्यों ना हो

उल्लेखनीय है कि राज्य में चालू वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत संग्रहित लघु वनोपजों में इमली (बीज सहित), पुवाड़ (चरोटा), महुआ फूल (सूखा), बहेड़ा, हर्रा, कालमेघ, धवई फूल (सूखा), नागरमोथा, इमली फूल, करंज बीज तथा शहद शामिल हैं। इसके अलावा बेल गुदा, आंवला (बीज रहित), रंगीनी लाख, कुसुमी लाख, फुल झाडु, चिरौंजी गुठली, कुल्लू गोंद, महुआ बीज, कौंच बीज, जामुन बीज (सूखा), बायबडिंग, साल बीज, गिलोय तथा भेलवा लघु वनोपजें भी इसमें शामिल हैं। साथ ही हाल ही में वन तुलसी बीज, वन जीरा बीज, ईमली बीज, बहेड़ा कचरिया, हर्रा कचरिया तथा नीम बीज को भी शामिल किया गया है।

Read More: युवती ने सुनाई खरी खोटी तो मंत्री तुलसी सिलावट बोले- ‘टाइगर जिंदा है’, जवाब मिला- लेकिन जमीर मर गया