सहकारिता निर्वाचन आयुक्त गणेश शंकर मिश्रा को हटाए जाने पर छत्तीसगढ़ के सांसदों ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को सौंपा ज्ञापन | Chhattisgarh's MP Submitted memorandum to Union Minister narendra singh tomar today

सहकारिता निर्वाचन आयुक्त गणेश शंकर मिश्रा को हटाए जाने पर छत्तीसगढ़ के सांसदों ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को सौंपा ज्ञापन

सहकारिता निर्वाचन आयुक्त गणेश शंकर मिश्रा को हटाए जाने पर छत्तीसगढ़ के सांसदों ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को सौंपा ज्ञापन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:56 PM IST, Published Date : August 5, 2019/1:07 pm IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के सांसदों ने सोमवार को केंद्रीय सहकारिता मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के सहकारी निर्वाचन आयुक्त गणेश शंकर ​मिश्रा को हटाए जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने गणेश शंकर ​मिश्रा को हटाए जाने के नियमों में संशोधन को नियम विरूद्ध बताते हुए संशोधन को लोकतंत्र की हत्या करार दिया है।

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ज्ञापन सौंपते हुए सभी सांसदों ने केंद्रीय मंत्री तोमर को अवगत कराया कि कुछ दिनों पहले छत्तीसगढ़ के सहकारिता चुनाव आयुक्त शंकर ​मिश्रा द्वारा कई सहकारी संस्थाओं में लंबित चुनाव की प्रक्रिया को प्रारंभ किया गया था। आयुक्त शंकर मिश्रा का यह फैसला राज्य की सरकार की मंशा के खिलाफ था। राज्य सरकार चाहती थी कि सहकारी संस्थाओं के चुनाव भंग करवाकर लाभ के 38 पदों पर अपने लोगों की नियुक्ति हो। सरकार की इस प्रक्रिया में चुनाव आयुक्त शंकर मिश्रा रोड़ा बन रहे थे इसलिए सरकार ने नियमों में असंवैधानिक परिवर्तन कर उन्हें पद से हटा दिया।

गौरतलब है कि सरकार ने 5 जुलाई 2019 को सोसायटी नियमों में संशोधन करते हुए सहकारी चुनाव आयुक्त शंकर मिश्रा को पद से हटा दिया था। ज्ञात हो कि रिटायमेंट के लिए पहले नियम था कि नियुक्ति के 5 साल या 65 वर्ष की आयु जो पहले हो। लेकिन सरकार ने नियमों में संशोधन करते हुए रिटायरमेंट के लिए 62 वर्ष या नियुक्ति के दो साल बाद जो पहले हो कर दिया है। साथ ही इस संशोधन में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि राज्य सरकार जब तक चाहे पद पर बने रहेंगे। ज्ञात हो कि शंकर मिश्रा अक्टूबर 2019 में 62 वर्ष की आयु पूरी करेंगे।

सांसदों ने नरेंद्र तोमर को बताया कि संविधान के 97वें संशोधन का प्रमुख उद्देश्य था कि राजनीतिक और नौकरशाही के हस्तक्षेप को रोककर सहकारिता के माध्यम से जनता का विश्वास हासिल कर उन्हें बढ़ावा देना। जब कोई निर्वाचन आयुक्त सरकार के अनरूप पद ग्रहण करेंगे तो निष्पक्ष चुनाव कैसे संभव है। सहकारिता निर्वाचन आयुक्त को समय पूर्व हटाना सरकार की मंशा को साफ दर्शाता है कि चुनाव को प्रभावित करने के इरादे से उन्हें पद मुक्त किया गया है।

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इस दौरान रायपुर सांसद सुनील सोनी की अगुवाई में राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय, दुर्ग सांसद विजय बघेल, बिलासपुर सांसद अरूण साव, जांजगीर सांसद गुहाराम अजगले, रायगढ़ सांसद गोमती साय, महासमुंद सांसद मोती लाल साहू और कांकेर सांसद मोहन मंडावी मौजूद रहे।

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