रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने बाल विवाह रोकने के लिए कड़े उठाए हैं। अक्षय तृतीया के एक दिन पहले महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह में शामिल पंड़ित और हलवाई पर भी शिकंजा कसा है। नए नियम के मुताबिक नाबालिग बच्चों की शादी कराने पर बाराती, रिश्तेदार और माता-पिता के खिलाफ तो कार्रवाई होगी, साथ हलवाई और पंडित को भी जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
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बाल विवाह को रोकने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखा है। शासन ने कलेक्टर और महिला बाल विकास विभाग को निर्देश दिए है कि प्रदेश के कई इलाकों में अक्षय तृतीय के दिन बाल विवाह होते हैं। सबसे पहले इन जगहों को चिन्हांकित किया जाए। फिर पटवारी, कोटवार, शिक्षक, आंगनबाड़ी कार्य़कर्ता और गांव में कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को यह जिम्मा दिया जाए कि गांव में बाल विवाह न हो। शासन ने यह भी निर्देश दिए है कि अगर जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति खराब है और मजबूरी में बाल विवाह कर रहे है तो उन परिवार के मुखिया को समझाए कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत उनके बेटे-बेटियों की निर्धारित उम्र में शादियां हो जाएगी।
वेब डेस्क, IBC24
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