बीजिंग। चीन इस तरह का पहला देश बन गया है जिसने चंद्रमा की दूसरी ओर की सतह यानि उसके विमुख फलक पर लैंड कराने के लिए रोवर प्रक्षेपित किया है। यह प्रक्षेपण शनिवार को किया गया। अंतरिक्ष महाशक्ति बनने के उद्देश्य से किया गया यह चीन का प्रक्षेपण वैश्विक स्तर पर इस तरह का पहला प्रयोग है। चीनी समाचार एजेंसी के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिमी शिचांग के प्रक्षेपण केंद्र से लॉन्ग मार्च 3बी रॉकेट के जरिए ‘चांग‘ई-4’ का प्रक्षेपण किया गया।
चीन के इस चंद्र अभियान ‘चांग ई-4’ का नाम चीनी पौराणिक कथाओं की चंद्रमा देवी के नाम पर रखा गया है। चांग ई-4 के सफल प्रक्षेपण से चंद्रमा की दूसरी तरफ की सतह पर चीनी चंद्र खोजी मिशन की लंबी यात्रा की एक अच्छी शुरुआत हुई है। बताया जा रहा है कि यह रोवर चंद्रमा के अज्ञात क्षेत्रों का पता लगाएगा। यह रोवर के नए साल के आसपास चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।
बता दें कि धरती के सामने हमेशा चंद्रमा के आगे वाला हिस्सा होता है। यहां कई समतल क्षेत्र हैं, जिन पर उतरना आसान होता है। जबकि इसकी दूसरी ओर की सतह का क्षेत्र पहाड़ी और काफी ऊबड़-खाबड़ है। चीन ने इसी दूसरी सतह पर लैंड करने के लिए रोवर भेजा है। सबसे पहले 1959 में सोवियत संघ ने चंद्रमा की दूसरी तरफ की सतह की पहली तस्वीर ली थी।
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हालांकि अभी तक कोई भी चंद्र लैंडर या रोवर चंद्रमा की विमुख सतह पर नहीं उतर सका है। चीन चंद्रमा के उन क्षेत्रों का पता लगाने के लिए मिशन भेजने वाला विश्व का पहला देश है।
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