राफेल दस्तावेजों को लेकर विशेषाधिकार का दावा, सरकार के आवेदन पर SC ने रखा फैसला सुरक्षित | Claim of privilege for Rafael documents, SC reserves order on government application

राफेल दस्तावेजों को लेकर विशेषाधिकार का दावा, सरकार के आवेदन पर SC ने रखा फैसला सुरक्षित

राफेल दस्तावेजों को लेकर विशेषाधिकार का दावा, सरकार के आवेदन पर SC ने रखा फैसला सुरक्षित

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : March 14, 2019/12:37 pm IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में राफेल दस्तावेजों को लेकर विशेषाधिकार का दावा किया। सरकार ने कहा है कि राफेल से जुड़े दस्तावेज संबंधित विभाग की अनुमति के बिना कोर्ट में पेश नहीं किए जा सकते। सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 और आरटीआई एक्ट इस बात की पुष्टि करते हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसके कौल और केएम जोसफ की पीठ ने इस मामले पर फैसला सुरक्षित रखा है।

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याचिकाकर्ताओं ने किया समझौते की शर्तो का उल्लंघन
बुधवार को रक्षा सचिव द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया था कि सौदे को लेकर सरकार ‘गोपनीयता बरतती है, पुनर्विचार याचिकाकर्ता संवेदनशील सूचनाऐं लीक करने के दोषी हैं जो समझौते की शर्तो का उल्लंघन है।’ इसमें यह भी कहा गया है, ‘याचिकाकर्ता राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा से संबधित मामले में आंतरिक गोपनीय वार्ता की चुनिंदा तौर पर और अधूरी तस्वीर पेश करने की मंशा से अनधिकृत रूप से प्राप्त इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहे हैं।’ केंद्र सरकार ने कहा है कि जिन लोगों ने केंद्र की इजाजत के बगैर इन संवेदनशील दस्तावेजों की फोटोकॉपी हासिल की है, वह चोरी की श्रेणी में आती है। राफेल दस्तावेज की अनधिकृत फोटोकॉपी से देश की संप्रभुता, सुरक्षा, विदेशी देशों से मैत्री संबंधों पर उल्टा असर पड़ेगा।”

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लीक दस्तावेजों से राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में
शीर्ष अदालत में बुधवार को दाखिल हलफनामे में सरकार ने कहा है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा कार्यकर्ता अधिवक्ता प्रशांत भूषण द्वारा दाखिल पुनर्विचार याचिका व्यापक रूप से वितरित की गयी हैं और ये देश के शत्रु और विरोधियों के पास उपलब्ध है।हलफनामे में कहा गया है, ‘इससे राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड़ गई है।