हार्वर्ड से अगली बार के लिए भी मिला सीएम बघेल को आमंत्रण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार और कृषि विकास पर दिए सुझाव | CM Baghel gets an invite from Harvard for next time too

हार्वर्ड से अगली बार के लिए भी मिला सीएम बघेल को आमंत्रण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार और कृषि विकास पर दिए सुझाव

हार्वर्ड से अगली बार के लिए भी मिला सीएम बघेल को आमंत्रण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार और कृषि विकास पर दिए सुझाव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : February 16, 2020/7:50 am IST

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज हार्वर्ड विश्वविद्यालय के भारत सम्मेलन में शामिल हुए जहां आदिवासी बहुल राज्य के मुख्यमंत्री को सुनने के लिए काफी उत्सुकता देखने को मिली। कार्यक्रम का समय भारत में तो आधी रात का था पर हार्वर्ड में काफी संख्या में लोग जुटे रहे।

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यहाँ मुख्यमंत्री बघेल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार, कृषि विकास पर सुझाव दिए। वहीं हार्वर्ड के शोधार्थियों ओर विद्वानों की हर जिज्ञासाओं का मुख्यमंत्री ने बेबाकी से जवाब भी दिया। मुख्यमंत्री बघेल को अगली बार भी सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। इस दौरान बड़ी संख्या में
हार्वर्ड विश्विद्यालय का प्रशासन, शोधार्थी, अध्यापक और विद्वान जन उपस्थित रहे।

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हार्वर्ड विश्विद्यालय के भारत सम्मेलन में बघेल ने ‘लोकतान्त्रिक भारत में जाति और राजनीति’ विषय पर अपने विचार रखे।
अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि जब तक जातियों को राजनीति में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाता है तब तक हम उत्पादन का अधिकार एवं गौरवपूर्ण नागरिकता को सुरक्षित नहीं कर पाएंगे। हम बाबा साहब अम्बेडकर के दिखाए रास्ते पर चलकर ही मजबूत राष्ट्र बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि जातियों के सामाजिक, आर्थिक मजबूती के लिए मनखे मनखे एक समान के आदर्श और प्रज्ञा, करुणा, मैत्री के आधार पर सामाजिक सरोकार को बढ़ाना होगा। इस दौरान बघेल ने कहा कि गांधी के रास्ते पर चलते हुए गावों के स्वावलंबन को बढ़ाना होगा। समृद्ध राष्ट्र और सम्मानित समाज और निर्भय नागरिक निर्माण का काम तभी हो सकेगा। जो काम राजनीति का है हर नागरिक जातीय गौरव और साझी राष्ट्रीयता में उसका योगदान हो, वह भी अन्य लोगों की तरह महत्त्वपूर्ण हो। नए समाज में जाति भेद, वर्ग भेद से ऊपर उठकर ही सबल राष्ट्र का निर्माण कर सकेंगे।

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मुख्यमंत्री ने अपना उद्बोधन स्वामी विवेकानंद जी के उस वाक्य से किया जिसमें उन्होंने कहा था -‘मैं उस देश का प्रतिनिधि हूॅ, जिसने मनुष्य में ईश्वर को देखने की परंपरा को जन्म देने का साहस किया था और जीव में ही शिव है और उसकी सेवा में ही ईश्वर की सेवा है।
मुख्यमंत्री ने उद्बोधन के बाद हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों के भी जबाव दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने नरवा, गरवा, घुरवा और बारी योजना चलायी जा रही है। नक्सलवाद पर पूछे गए प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों से अशिक्षा, गरीबी, भूखमरी और शोषण को दूर करने से इस समस्या से मुक्ति मिल सकेगी।