CM Baghel's big announcements in Lokvani : भतीजा-भतीजी के रंग म रंगा गे भूपेश कका, लोकवाणी में इस बार सीएम बघेल का अलग अंदाज.. जानिए बड़ी घोषणाएं | CM Baghel's big announcements in Lokvani : different style this time in Lokvani.. Know big announcements

CM Baghel’s big announcements in Lokvani : भतीजा-भतीजी के रंग म रंगा गे भूपेश कका, लोकवाणी में इस बार सीएम बघेल का अलग अंदाज.. जानिए बड़ी घोषणाएं

CM Baghel's big announcements in Lokvani : भतीजा-भतीजी के रंग म रंगा गे भूपेश कका, लोकवाणी में इस बार सीएम बघेल का अलग अंदाज.. जानिए बड़ी घोषणाएं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:55 PM IST, Published Date : June 13, 2021/5:49 am IST

CM Baghel’s big announcements in Lokvani : रायपुर। आज प्रसारित लोकवाणी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने युवाओं और बच्चों को भतीजे-भतीजी कहकर संबोधित किया । आम तौर पर मुख्यमंत्री बघेल बेटे -बेटी, प्यारे बच्चों या युवा साथी कहते हैं, लेकिन इस बार वे थोड़ा ठिठके माइक पर हाथ रखा और बोले सोशल मीडिया में तो‌ ये लोग मुझे कका कहते हैं तो मैं भी भतीजे-भतीजी ही बोलूंगा और फिर उन्होंने यही किया।

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बघेल की ‘मास अपील ‘और अपने उद्बोधन से लोगों को ‘कनेक्ट ‌’करने की शैली अक्सर चर्चा में रहती है। उनकी बेबाक बयानी और मुद्दों पर सीधे बात करने के अंदाज को लोग बहुत पसंद करते हैं।

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सीएम बघेल ने लोकवाणी में इस बार क्या ऐलान किया जानिए 

किसानों के विकास के लिए मील का पत्थर है ’राजीव गांधी किसान न्याय योजना

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( Bhupesh Baghel ) ने आकाशवाणी से प्रत्येक माह प्रसारित होने वाली ’लोकवाणी’ की 18वीं कड़ी में बातचीत की शुरूआत जय जोहार के अभिवादन के साथ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ किसानों का, खेती-किसानी का राज्य है। हमारा मानना है कि किसान खुशहाल होगा, तभी प्रदेश खुशहाल होगा। विकास की इसी दूरगामी सोच के साथ हमने छत्तीसगढ़ में 21 मई 2020 को ’राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ की शुरूआत की है। यह योजना हमारी सरकार की कृषक हितैषी सोच को साफ-साफ दर्शाती है। इससे छत्तीसगढ़ में किसानों की आय बढ़ेगी और वे आर्थिक रूप से सक्षम बनेंगे।उन्होंने कहा कि यह योजना छत्तीसगढ़ के किसानों के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

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मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ में 21 मई 2020 को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरूआत की और साल भर के भीतर चार किस्तों में पूरी राशि 5 हजार 628 करोड़ रूपए का भुगतान 18 लाख 45 हजार किसानों के खाते में कर दिया। जो लोग पहले चार किश्तों में राशि देने को लेकर आपत्ति कर रहे थे, उन लोगों ने कोरोना संकट को देखते हुए यह कहना शुरू कर दिया था कि खरीफ 2021 में धान बेचने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। कोरोना के कारण देश और प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर निश्चित तौर पर बुरा असर पड़ा है। लेकिन मैंने स्पष्ट कहा कि इसका नुकसान किसानों को नहीं होने देंगे। इस तरह हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना 2021 के लिए बाकायदा बजट में 5 हजार 703 करोड़ का प्रावधान किया है और विगत वर्ष की तरह ही 21 मई अर्थात राजीव जी के शहादत दिवस पर, ठीक पिछली बार की तरह पहली किश्त की राशि 1500 करोड़ रूपए का भुगतान किसानों के खाते में कर दिया गया। इसमें 20 लाख 53 हजार 482 किसानों ने धान बेचा है तथा शेष लगभग डेढ़ लाख किसानों ने मक्का व गन्ना बेचा है। कोरोना महासंकट के बावजूद योजना के क्रियान्वयन में एक दिन की भी देरी नहीं की गई।

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मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि हमारी सरकार के कृषक हितैषी निर्णय के फलस्वरूप प्रदेश में लोगों ने खेती में निवेश भी बढ़ाया है। यहां विगत दो वर्षों में किसानों की संख्या 5 लाख 50 हजार बढ़ी है। कई प्रदेशों में लोग जब खेती को छोड़कर अन्य काम-धंधा अपना रहे है, तब हमारे यहां किसानों की संख्या बढ़ना एक अच्छा संकेत है। इसका अर्थ है कि हमारे प्रयास किसानों के घर तक पहुंच रहे है। प्रदेश में वर्ष 2017-18 की तुलना में वर्ष 2020-21 में पंजीकृत किसानों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 21 लाख 52 हजार, समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों का प्रतिशत 76.47 से बढ़कर 95.38 प्रतिशत हो गई है। यहां किसानों की रूचि और उत्साह के कारण ही सर्वाधिक कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य भी हासिल किया गया है। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 56.88 मीट्रिक टन से बढ़कर 92 लाख मीट्रिक टन हो गई है।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कृषकों के हित में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का कुछ नए प्रावधानों के साथ विस्तार किया गया है। इसके तहत ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ में आदान सहायता की राशि के लिए मुख्यतः तीन प्रावधान हैं। पहला प्रावधान यह है कि पिछले साल की तरह धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, अरहर, गन्ना फसल लेने वाले किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ आदान सहायता राशि हर साल दी जाएगी। दूसरा प्रावधान उन किसानों के लिए जो धान के बदले अन्य निर्धारित फसलें लेना चाहते हैं। उन्हें 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से अनुदान सहायता राशि दी जाएगी। इसी तरह तीसरा प्रावधान उन किसानों के लिए जो धान के बदले वृक्षारोपण करेंगे तो उन्हें भी 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की सहायता राशि दी जाएगी, यह तीन वर्ष के लिए होगी। इस योजना में समस्त श्रेणी के भू-स्वामी एवं वन पट्टाधारी कृषक लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र होंगे। कृषकों को आदान सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा। कृषक पंजीयन का कार्य एक जून से शुरू हो गया है, जो 30 सितंबर तक किया जाएगा।

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राजीव गांधी किसान न्याय योजना का बढ़ा दायरा

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में होने वाली बहुत सी ऐसी फसलें हैं, जिन्हें सेहत के लिए बहुत उपयोगी और औषधियुक्त माना जाता है, लेकिन उनके समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए कोई प्रणाली विकसित नहीं की गई है। ऐसी स्थिति में धान, गन्ना और मक्का के अलावा बहुत सी फसलें लेने वाले किसानों को सरकार सेे सहयोग की जरूरत है। इस बात को हमने बहुत गंभीरता से महसूस करते हुए, राजीव गांधी किसान न्याय योजना का दायरा बढ़ाया है। हम चाहते हैं कि धान के बदले अन्य निर्धारित फसलें लेने वाले किसानों को किसी न किसी प्रकार की आर्थिक मदद व उनकी फसल को बाजार में बेचने की सुविधा मिले। खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रुपए प्रति एकड़ आदान सहायता राशि दी जाएगी। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है, तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रुपए आदान सहायता राशि दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को तीन वर्षों तक आदान सहायता राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना से किसानों की आय सहित कृषि वानिकी को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसानों की आय सहित कृषि वानिकी के विकास को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना लागू की गई है। हमारे प्रदेश में ऐसी प्रजातियों के वृक्षारोपण के लिए आदर्श परिस्थितियां, पर्याप्त भूमि, अनुकूल जलवायु और श्रमशक्ति उपलब्ध है। जिसमें वृक्षों को लगाने से काटने के बीच एक सुरक्षित चक्र बनाया जा सकता है, जिससे हर समय पर्याप्त संख्या में वृक्ष मौजूद भी रहें और सही समय पर कटाई होने से ग्रामीणों, किसानों की आय भी बढ़े। ऐसा करने पर चोरी-छुपे वृक्षों की अवैध कटाई की समस्या भी समाप्त हो जाएगी। इसके लिए हमने मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नागरिक, निजी भूमि की उपलब्धता अनुसार तथा सभी ग्राम पंचायत एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियां योजना का लाभ लेने हेतु पात्र है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लोकवाणी में विकासखंड कुनकुरी से खिरोधर राम, ग्राम नगपुरा ब्लॉक दुर्ग से सुरेन्द्र, ग्राम करवांझर विकासखंड डबरा जांजगीर-चांपा से गंगाराम, जिला बालोद से रूपेश कुमार साहू, गांव डुंडेरा उतई, जिला दुर्ग से खुमान सिंह यादव, प्रेमराज जैन एग्रोफारेस्ट्री एक्टिवविस्ट, सु रूक्मणी सूर्यवंशी जिला जांजगीर-चांपा के सवालों का जवाब देते हुए उनसे प्राप्त सुझावों के लिए धन्यवाद दिया।

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कोरोना संक्रमण को रोकने हरसंभव पहल

मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश में कोरोना के नियंत्रण तथा रोकथाम के उपायों और सावधानियों के बारे में भी प्रदेशवासियों से चर्चा की जिसमें उन्होंने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर, वायरस के नए वेरिएंट के साथ आई थी और तेजी से बढ़ने लगी थी। अप्रैल में संक्रमण दर 30 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। एक माह के भीतर हमने संक्रमण दर को 27 प्रतिशत से गिराकर 2 प्रतिशत तक लाने में सफलता प्राप्त की। हमने स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन, निजी अस्पताल संचालकों, अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और जागरूक जनता की मदद से एक पारदर्शी व्यवस्था बनाई। रियल टाइम बेसिस पर वेबसाइट पर अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता प्रदर्शित की गई। अस्पतालों में दवा, इंजेक्शन, ऑक्सीजन सिलेण्डर आदि की उपलब्धता के लिए काफी सोच-समझकर इंतजाम किए गए। साधारण लक्षण वाले मरीजों को घर पहुंचाकर दवा दी गई।राज्य में कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण के कार्य को भी प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। ऐसे बहुत सारे प्रयासों के कारण ही प्रदेश में कोरोना की पॉजीटीविटी दर बहुत तेजी से कम हुई, इसके लिए मैं सरकारी अमले के साथ ही आम जनता, स्वयंसेवी संस्थाओं, खुले दिल से सहयोग देने वाले व्यवसायी, उद्योगपति समुदाय सभी के प्रति शुक्रिया अदा करता हूं।